क्वांटिफायबल डेटा को छिपाकर युवाओं के भविष्य से खेल रही है सरकार : बृजमोहन अग्रवाल
January 4, 2023धर्मांतरण को बढ़ावा देने व आरक्षण को छीनने वाली सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंकना है : बृजमोहन अग्रवाल
समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर
भारतीय जनता पार्टी, छत्तीसगढ़ ने राज्य की कांग्रेस सरकार द्वारा क्वांटिफायबल (आरक्षण पर मात्रात्मक) डाटा आयोग के डाटा को विधानसभा के पटल पर नहीं रखने एवं छत्तीसगढ़ में आरक्षण को लागू नहीं करने के विरोध में कलेक्ट्रेट चौक स्थित अम्बेडकर प्रतिमा के सामने धरना-प्रदर्शन किया। इस कार्यक्रम के दौरान पूर्वमुख्यमंत्री रमन सिंह, पूर्वमंत्री बृजमोहन अग्रवाल, प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, अजय चंद्राकर, शिवरतन शर्मा, नंदकुमार साय, नारायण चंदेल, रंजना साहू, धरमलाल कौशिक, महेश गागड़ा, जयंती पटेल, केदार गुप्ता एवं अन्य नेतागण शामिल रहे। प्रदेश सरकार के खिलाफ छत्तीसगढ़ बीजेपी के सांसद, विधायक, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, प्रदेश पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने शाम 5 बजे तक घड़ी चौक स्थित बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के पास धरना दिया। इसके साथ ही वे सीएम निवास घेराव के लिए आगे बढ़े और प्रशासन से झूमाझपटी भी की।
क्वांटिफायबल डेटा को छिपा रही है सरकार
इस दौरान पूर्वमंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने धरना स्थल पर उपस्थित सभी लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि, भूपेश बघेल सरकार ने संविधान से खिलवाड़ किया है। इसलिए आज हम बाबा भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा की छत्रछाया में यहां धरने पर बैठे हैं। मुख्यमंत्री जी राजभवन में बैठी महामहिम राज्यपाल को अपमानित कर रहे हैं वह यह भूल गए हैं कि, राज्यपाल महोदया ने ही उन्हें मुख्यमंत्री और बाकी लोगों को मंत्री पद की शपथ दिलाई थी। अगर यह उनका इस्तीफा मांग रहे हैं तो पहले खुद अपना इस्तीफा सौंपा और अपने सारे मंत्रियों से इस्तीफा दिलवाए। सीएम भूपेश बघेल जी क्वांटिफायबल डेटा रिपोर्ट दिखाते क्यों नहीं…युवाओं के भविष्य को बचाते क्यों नहीं। बृजमोहन अग्रवाल ने धर्मांतरण को बढ़ावा देने वाले व आरक्षण को छीनने वाली सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर इसे सत्ता से उखाड़ फेंकने का आह्वान किया।
धर्मांतरण के मुद्दे पर भी घेरा
धर्मांतरण के मुद्दे पर भूपेश बघेल सरकार को घेरते हुए पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि, जब से कांग्रेस की सरकार छत्तीसगढ़ में आई है तब से धर्मांतरण के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई। लेकिन इस सरकार ने इसे रोकने के लिए कोई भी कठोर कदम नहीं उठाए। परिणाम स्वरूप आज नारायणपुर सहित पूरा प्रदेश धर्मांतरण की आग में जल रहा है और यह सरकार इसी आग में जलकर भस्म हो जाएगी।