बृजमोहन ने उठाया तेलीबांधा थाना से वीआईपी रोड तक सड़क सौदर्यीकरण में अनियमितता का मामला, 2 करोड़ का काम किसके अनुमति से किसके आदेश पर, फ्री में कौन कर रहा है सरकार बताए – बृजमोहन अग्रवाल

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मंत्री ने स्वीकारा एन एच आई के बिना एनओसी हो रहा है काम

1 कार्य 2 करोड़ का और 12 टेंडर ये कारनामा कांग्रेस ही कर सकती है – बृजमोहन अग्रवाल

जवाब में मंत्री ने बताया निगम नही करा रहा है कोई काम? बृजमोहन का आरोप भ्रष्टाचार उजागर पर अब इधर उधर भाग रही है कांग्रेस

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने विधानसभा में तेलीबांधा चौक से वीआईपी रोड तक सड़क सौदर्यीकरण में अनियमितता व भ्रष्टाचार का मामला विधानसभा में उठाया व   मंत्री से पूछा है कि तेलीबांधा थाना चौक, से वीआईपी मार्ग तिराहा तक सड़क का सौंदर्यीकरण किस मद से कितनी राशि से, किस एजेंसी के माध्यम से किया जाना था? निर्माण कार्य की स्वीकृति किस अधिकारी द्वारा किस आधार पर दिया गया है? क्या इस कार्य के लिए निविदा आमंत्रित की गई है यदि हाँ तो कब व किसके द्वारा किस-किस कार्यों के लिए कितनी राशि की निविदा आमंत्रित  की गई अंतिम तिथि क्या थी? क्या यह सड़क राष्ट्र राजमार्ग प्राधिकरण के अंतर्गत आती है, क्या सौंदर्यीकरण कार्य हेतु उनसे अनुमति/अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया गया था? क्या निविदा जारी होने के पूर्व ही सौदर्यीकरण का कार्य प्रारम्भ हो गया है, तो कब किस एजेंसी द्वारा, किसके आदेश पर किस अनुबंध के तहत?

नगरीय प्रशासन मंत्री ने जानकारी दी कि  तेलीबांधा थाना चौक रायपुर से वीआईपी मार्ग तिराहा तक सड़क में बने डिवाईडर का रिनोवेशन कराये जाने हेतु अनटाइड फण्ड से राशि रु 200.16 लाख की लागत से न.पा.नि. के माध्यम से किया जाना प्रस्तावित था। निर्माण कार्य की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति प्राधिकारी से प्राप्त किया गया था। डिवाईडर का रिनोवेशन के कार्य के लिए दिनांक 26 अक्टूबर 2022 को जोन के  कार्यपालन अभियंता द्वारा कुल राशि रु 200.36 लाख की निविदा आमंत्रित की गई थी। निविदा हेतु आवेदन पत्र प्राप्त करने की अंतिम तिथि 09 नवंबर 2022 एवं निविदा जमा करने की अंतिम तिथि 16 नवंबर 2022 थी। यह सड़क राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अंतर्गत आती है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण का अनापत्ति  प्रमाणपत्र नही है। अनापत्ति अद्यतन अप्राप्त है। किसी शासकीय एजेंसी द्वारा कार्य संपादित नहीं किया गया है।

श्री अग्रवाल ने कहा है कि रायपुर नगर निगम आकंठ भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है। नियम प्रक्रिया सब कुछ भ्रष्टाचार के लिए तोड़ा जा रहा है। आज मंत्री के विधानसभा में जवाब के बाद या बात स्पष्ट हो गया की नगरीय प्रशासन विभाग ने ना तो एनएचआई से अनुमति ली और ना ही इस कार्य के लिए किसी को एजेंसी तय किया तो फिर काम हुआ कैसे? किसने किया, और किसने होने दिया? जब निगम को काम करना ही नही था तो टेंडर किस आधार पर किया है?

एनएचआई की सड़क पर और नगर निगम के अंदर बिना अनुमति के किसने काम चालू किया यह बात सरकार को अभी स्पष्ट करनी चाहिए सरकार चुप इसलिए हैं कि इस मामले में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है नियमों अनदेखी हुई है प्रक्रियाओं का पालन नहीं हुआ है।

श्री अग्रवाल ने कहा है कि दो करोड़ से ऊपर का काम बिना अनुमति के, किसके आदेश पर, किसके संरक्षण पर, फ्री में कौन कर रहा है यह सरकार को बताना ही पड़ेगा।

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