कोरबा पुलिस के निजात अभियान से प्रभावित होकर बाघमारा के दर्जनों ग्रामीणों ने नशे को कहा “ना, छोड़ दी शराब”

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थाना बालकोनगर क्षेत्र के ग्राम बाघमारा में पिछले पूर्व पुलिस अधीक्षक ने दिलाई थी अवैध नशे से दूर रहने की शपथ

सलोरा और महेशपुर के ग्रामीणों ने अभियान से प्रभावित होकर अपने गांव में नशा-बंदी की कर दी है शुरुवात

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, कोरबा

कोरबा : पुलिस अधीक्षक कोरबा संतोष सिंह द्वारा अवैध नशे के विरुद्ध चलाए जा रहे निजात अभियान का असर अब कोरबा में भी दिखने लगा है। थाना बालकोनगर क्षेत्र के ग्राम बाघमारा के दस ग्रामीणों ने नशे को ‘ना’, कह कर नशा मुक्त जीवन की शुरुआत कर दी है।

इसकी सूचना मिलने पर आज पुलिस अधीक्षक उन ग्रामीणों से मिले, नशा छोड़ चुके ग्रामीणों से मिलकर उनका हौसला अफजाई किया और जरूरत पड़ने पर मदद करने का भरोसा दिलाया, साथ ही अन्य ग्रामीणों को नशे से दूर रहने हेतु प्रेरित किया। शराब छोड़े बुधवार पिता कार्तिक ने कहा कि काफी दिन से नशा छोड़ने के लिए प्रयासरत था, पुलिस के कार्यक्रम में सम्मिलित होने के बाद प्रभावीत हो हमेशा के लिए नशा छोड़ दिया। बिरसोबाई ने कहा की महुआ छोड़ते ही जिंदगी बदल गई है और लोगों को भी प्रेरित कर रही हूं। इस अवसर पर उपस्थित ग्रामीणों को पुरस्कार स्वरूप शाल वितरित किया गया। इस अवसर पर सीएसपी विश्वदीपक त्रिपाठी और बालको प्रभारी मनीष नागर भी उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि पिछले माह अभियान से प्रभावित होकर कटघोरा थाना क्षेत्र के सलोरा और महेशपुर के ग्रामीणों ने लामबंद होकर गांव में नशा-बंदी की घोषणा की है।

पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह द्वारा अवैध नशे से दूर रहने हेतु कार्यवाही और जागरुकता अभियान, निजात अभियान चलाया जा रहा है। कोरिया जिले में पदस्थापना के दौरान, निजात अभियान की शुरुआत की थी। जिसका अच्छा प्रतिसाद मिलने पर राजनांदगांव जिले में भी निजात अभियान चलाया गया।

पिछले वर्ष जुलाई से कोरबा जिले में  पुलिस अधीक्षक के रूप में पदस्थ होने पर संतोष सिंह द्वारा निजात अभियान प्रारंभ किया गया। जिसका असर दिखने लगा है। पुलिस द्वारा निजात अभियान के अंतर्गत तीन चरणों में कार्यवाही की जाती है – अवैध नशे के कारोबार से जुड़े हुए अपराधियों पर सख्त कार्यवाही, नशे के प्रति जनजागरुकता एवं अभियान के तीसरे चरण में नशे के आदी हो चुके लोगों का थाना स्तर पर काउंसलिंग कर नशे से दूर रहने हेतु आवश्यक चिकित्सा सुविधा एवं पुनर्वास की व्यवस्था की जाती है। आधा दर्जन लोगों को बिलासपुर में नशा मुक्ति केंद्र में इलाज हेतु एडमिट भी कराया गया है।

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