कोरबा पुलिस के निजात अभियान से प्रभावित होकर सर्वमंगला के दर्जनों ग्रामीणों ने नशे को कहा ‘ना’, “छोड़ी शराब”.

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इसके पूर्व थाना बालकोनगर के ग्राम बाघमारा के आधा दर्जन से अधिक पहाड़ी कोरवा ग्रामीण छोड़ चुके हैं शराब

सलोरा और महेशपुर के ग्रामीणों ने अभियान से प्रभावित होकर अपने गांव में नशा-बंदी की शुरुवात की है

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, कोरबा

कोरबा : पुलिस अधीक्षक कोरबा संतोष सिंह द्वारा अवैध नशे के विरुद्ध चलाए जा रहे निजात अभियान का असर अब कोरबा में भी दिखने लगा है। पुलिस चौकी सर्वमंगला क्षेत्र के 16 ग्रामीणों ने सर्वमंगला चौकी प्रभारी के पास आकर बताया कि निजात अभियान से प्रभावित होकर शराब का सेवन बंद कर दिया है, कुछ ग्रामीण शराब छोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, पहले की अपेक्षा कम शराब पी रहे हैं। एक सप्ताह पूर्व थाना बालकोनगर क्षेत्र के ग्राम बाघमारा के दस पहाड़ी कोरवा ग्रामीणों ने नशे को ‘ना’, कह कर नशा मुक्त जीवन की शुरुआत कर चुके हैं।

शराब छोड़ चुके ग्रामीणों से पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह स्वयं मिलकर उनका हौसला अफजाई कर जरूरत पर मदद करने का भरोसा दिला रहे हैं, साथ ही अन्य लोगों को भी नशे से दूर रहने हेतु प्रेरित कर रहे हैं।

शराब छोड़ चुके सुभाष बरेठ, देवानंद बरेठ, पतिराम पटेल, दिलचंद बरेठ, लखन लाल, गोपाल विश्वकर्मा, कीर्तन बरेठ, हृदय बरेठ ने बताया कि पहले शराब के कारण काम पर भी जा पाते थे, कभी काम पर जाते भी तो कमाई का पैसा उधारी पटाने और शराब पीने में चला जाता था, शराब छोड़ने से रोज काम पर जा रहे हैं, जिससे घर वाले भी खुश है, पैसा परिवार वालों के काम आ रहा है। नशे की लत लगा चुके कुछ ग्रामीण शराब छोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, भविष्य में सुखद परिणाम आने की संभावना है।

उल्लेखनीय है की पिछले माह अभियान से प्रभावित होकर कटघोरा थाना क्षेत्र के सलोरा और महेशपुर के ग्रामीणों ने लामबंद होकर गांव में नशा-बंदी की घोषणा की है।

पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह द्वारा अवैध नशे से दूर रहने हेतु कार्यवाही और जागरुकता अभियान, निजात अभियान चलाया जा रहा है। कोरिया जिले में पदस्थापना के दौरान, निजात अभियान की शुरुआत की थी। जिसका अच्छा प्रतिसाद मिलने पर राजनांदगांव जिले में भी निजात अभियान चलाया गया।

पिछले वर्ष जुलाई से कोरबा जिले में  पुलिस अधीक्षक के रूप में पदस्थ होने पर संतोष सिंह द्वारा निजात अभियान प्रारंभ किया गया। जिसका असर दिखने लगा है। पुलिस द्वारा निजात अभियान के अंतर्गत तीन चरणों में कार्यवाही की जाती है-अवैध नशे के कारोबार से जुड़े हुए अपराधियों पर सख्त कार्यवाही, नशे के प्रति जनजागरुकता एवं अभियान के तीसरे चरण में नशे के आदी हो चुके लोगों का थाना स्तर पर काउंसलिंग कर नशे से दूर रहने हेतु आवश्यक चिकित्सा सुविधा एवम पुनर्वास की व्यवस्था की जाती है। आधा दर्जन लोगों को बिलासपुर में नशा मुक्ति केंद्र में इलाज हेतु एडमिट भी कराया गया है, कुछ और लोगों को चिन्हांकित किया गया है, जिनका काउंसलिंग किया जा रहा है, आवश्यक होने पर नशामुक्ति केंद्र में भेजा जाएगा।

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