भूपेश सरकार द्वारा अवैध धर्मांतरण को बढ़ावा देने के लिए रासुका जैसे कानून का सहारा लेने के विरुद्ध भाजपा का प्रदेशव्यापी धरना प्रदर्शन !

Advertisements
Advertisements

रासुका लगाने की टाइमिंग पर सरकार की मंशा में हो रहा है संदेह

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, रायपुर

रायपुर : पूरे प्रदेश में वनांचल क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में भी लगातार जारी अवैध धर्मांतरण, अवैध चर्च निर्माण आदि पर रोक लगाने के लिए कार्यवाही करने के बजाय भूपेश सरकार द्वारा वर्ग-भेद व वर्ग संघर्ष करने की रणनीति अपनाने, राज्य सरकार द्वारा मिशनरियों का हौसला बढ़ाने के लिए रासुका जैसे कानून का सहारा लेने के विरुद्ध भारतीय जनता पार्टी द्वारा प्रदेशव्यापी धरना-प्रदर्शन किया गया।

रायपुर शहर धरने में सच्चिदानंद उपासने, संजय श्रीवास्तव, श्रीचंद सुंदरानी,  दुर्ग में पूर्व मंत्री रमशीला साहू, पूर्व संसदीय सचिव लाभचंद बाफना, जिला जितेन्द्र वर्मा, भिलाई ब्रिजेश ब्रिजपुरिया, सूरजपुर में रामसेवक पैकरा, जिलाध्यक्ष बाबूलाल अग्रवाल, भीमसेन अग्रवाल, कवर्धा में प्रदेश महामंत्री विजय शर्मा, मोतीराम चंद्रवंशी, जिलाध्यक्ष अनिल सिंह, गोपाल साहू, कांकेर में पूर्व विधायक देवलाल दुग्गा, भोजराज नाग, सुमित्रा मारकोले, विजय मंडावी, बलौदाबाजार में लक्ष्मी वर्मा, दंतेवाड़ा में जिलाध्यक्ष चैतराम अटामी, सहित धरना-प्रदर्शन में सभी जिलों में भाजपा पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहें।

धरना में भाजपा नेताओं ने कहा कि बस्तर संभाग सहित पूरे छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार की शह पर बढ़ते अवैध धर्मांतरण एवं आदिवासी समाज पर पुलिस की एकतरफा बर्बरतापूर्वक कार्यवाही के कारण पूरे प्रदेश में आदिवासी समाज आहत है। दिनांक 01 जनवरी 2023 को जिस प्रकार से नारायणपुर में पास्टर, पादरी एवं अवैध धर्मांतरित लोगों ने 400-500 की संख्या में एकत्रित होकर न केवल आदिवासी समाज के लोगों पर धारदार हथियार, लाठी-डण्डा से वार किया गया अपितु मौके पर पहुंची पुलिस पर भी घातक रूप से हमला किया गया। इस घटना के खिलाफ आदिवासी समाज द्वारा कारवाई करने की मांग पर भूपेश सरकार के मंशा अनुरूप उलटे आदिवासी समाज के ही मुखिया, सीधे-सीधे आदिवासी भाईयों, सनातन धर्म को मानने वाले लोगों को झूठे व गंभीर धाराओं के अंतर्गत गिफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

धरने में मौजूद भाजपा नेताओं ने कहा कि रासुका लगाने की टाइमिंग पर सरकार की मंशा में संदेह हो रहा है। जब सुकमा जिले के पुलिस अधिक्षक ने अवैध धर्मांतरण के कारण समाज में टकराव की आशंका से संबंधित पत्र अपने मातहतों को लिखकर मिशनरियों की अवैध गतिविधियों के बारे में उल्लेखित किया था। बस्तर कमिश्नर ने सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर इसे बेहद संवेदनशील मुद्दा बताते हुए अवैध धर्मांतरण के रोकथाम हेतु गाईड लाईन जारी की थी, स्वयं गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने अपने समाज को धर्मांतरण से बचने की सलाह दी थी। तब छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार को सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने का अंदेशा नहीं हुआ।

परन्तु राज्य सरकार की वोट बैंक की राजनीति के चलते अवांछित रूप से अवैध धर्मांतरण होने दिया, बल्कि इसे पाल-पोस कर आगे बढ़ाने का काम किया। मिशनरियों ने पूरे प्रदेश में हजारों की संख्या में अवैध रूप से चर्चों का निर्माण करा दिया है और इस अवैध ढंग संचालित चर्चों के उद्घाटन में राज्य सरकार के मंत्री, सांसद, विधायक एवं नेता बतौर मुख्य अतिथि शामिल होते हैं। कांग्रेस लगातार ऐसे विभिन्न उपायों द्वारा न केवल आदिवासी संस्कृति को तबाह करने में सहयोग कर रही है, बल्कि राजनीतिक कारणों से उन क्षेत्रों में धर्मांतरण को एक तरह से शासकीय संरक्षण दिया जा रहा है।

भाजपा नेताओं ने मांग की है कि

– धर्मांतरण के व्यवसाय में लगे मिशनरियों के विरुद्ध तत्काल कठोर कार्यवाही हो।

– आदिवासी समाज के लोगों पर झूठे केस बनाकर जेल भेजने से रोकने हेतु उचित दिशा-निर्देश जारी करने का कष्ट करें।

– नारायणपुर की घटना में बंद किये गये आदिवासियों की तत्काल रिहाई हो।

– कांग्रेस सरकार निर्दोष लोगों के विरुद्ध दंडात्मक कारवाई करना तत्काल बंद करे।

भाजपा नेताओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि कांग्रेस की छिपा एजेंडा अवैध धर्मांतरण हो सकता है, परंतु यह भाजपा का खुला एजेंडा है कि प्रदेश की संस्कृति को नष्ट नहीं होने देंगे और अवैध धर्मांतरण नहीं होने देंगे, चाहे आप कोई भी काला कानून लगाएं।

Advertisements
Advertisements
error: Content is protected !!