न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि मोदी सरकार में ज्यादा हुई, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का धान खरीदी पर दिया गया बयान भ्रामक – शशिकांत द्विवेदी

न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि मोदी सरकार में ज्यादा हुई, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का धान खरीदी पर दिया गया बयान भ्रामक – शशिकांत द्विवेदी

February 9, 2023 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने धान खरीदी पर जो बयान दिया है वह बिल्कुल भ्रामक है ।धान खरीदी को लेकर उनका कहना है कि 2004_ 05से लेकर 2013-14 तक 9  वर्षों में तत्कालीन प्रधानमंत्री माननीय मनमोहन सिंह के समय में धान खरीदी के न्यूनतम समर्थन मूल्य  में जो वृध्दि की गई  वह 134 प्रतिशत की वृद्धि थी जबकि प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी के समय में 0 9 वर्षों में जो  वृद्धि  की गई वह मात्र 55% है, यह आंकड़ा बिल्कुल निराधार और भ्रामक है ।

भारतीय जनता पार्टी सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक शशिकांत द्विवेदी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयानों को निराधार बताते हुए कहा कि 2004-5 से 2013-14 तक 09 वर्ष नहीं बल्कि  10 वर्ष होता है। इन 10 वर्षों में न्यूनतम समर्थन मूल्य  में ₹750  की वृद्धि की गई थी। यदि न्यूनतम समर्थन मूल्य के निर्धारण की बात करें तो केंद्र में कांग्रेस की सत्ता आने पर 2004-05 में  धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य ₹560  प्रति क्विंटल किया गया और  2012_13 में बढ़कर ₹1080 हो गया। इस प्रकार 09 वर्षों में   तत्कालीन केंद्र की कांग्रेस सरकार द्वारा  मात्र ₹520 की वृद्धि की गई थी।

जबकि केंद्र की भाजपा सरकार में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के 0 9 वर्षों के कार्यकाल में न्यूनतम  समर्थन मूल्य में ऐतिहासिक ₹730 की वृद्धि की गई ।  श्री द्विवेदी ने कहा कि भाजपा की सरकार केंद्र में आते ही 2014_15 में  धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि करते हुए ₹ 1310 प्रति क्विंटल कर दिया। और कार्यकाल के 09वर्ष  में 2022 _23 में धान के  समर्थन मूल्य में वृद्धि करते हुए ₹2040 निर्धारित कर दिया गया। इस प्रकार कांग्रेस के 09 वर्ष के शासन काल में मात्र ₹520 की वृद्धि हुई थी और भाजपा के 09 वर्ष के शासनकाल में ₹730 की वृद्धि हुई है।

अतः स्पष्ट है कि केंद्र की मोदी सरकार किसान हितेषी है ।बल्कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार किसान विरोधी है जो किसानों के साथ कहीं वर्मी कंपोस्ट के नाम पर , कहीं गिरदावली के नाम पर छल रही है। किसानों का शोषण कर रही है।