मिलेट कार्निवाल: पाक कला प्रतियोगिता में कोदो बर्फी ने मारी बाजी

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समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

छत्त्तीसगढ़ मिलेट कार्निवाल के दूसरे दिन आज राजधानी रायपुर के नेताजी सुभाष स्टेडियम में मिलेट्स व्यंजनों की पाक कला प्रतियोगिता आयोजित की गई। इसमें होटल प्रबंधन संस्थान (आईएचएम) के विद्यार्थियों ने भाग लिया। कोदो बर्फी ने स्वाद और स्वास्थ की इस प्रतियोगिता में पहला स्थान प्राप्त किया। रागी सूप और कोदो वेज पुलाव भी पसंद किए गए और दोनों ने दूसरा स्थान पाया। रागी मिल्क शेक को तीसरा स्थान मिला। प्रतियोगिता के निर्णायक गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट केटरिंग टेक्नालॉजी के सीनियर लेक्चरर और शेफ श्री नितिन शेण्डे थे।

पाक कला प्रतियोगिता में आईएचएम के विद्यार्थियों के सात समूहों ने भाग लिया। उन्होंने कोदो-बादाम की खीर, कोदो वेज पुलाव, कोदो बर्फी, शरबते, रागी, रागी के गुलगुले, रागी सूप और रागी मिल्क शेक बनाया। इस तरह प्रतिभागियों ने मिलेट्स के स्टार्टर, मेन कोर्स, डेजर्ट और ड्रिंक को शामिल कर मेन्यू पूरा करने का प्रयास किया। जिससे लोग अलग-अलग तरीके से मिलेट्स के व्यंजन अपने भोजन में कैसे शामिल करें यह जान सकें।

निर्णायक श्री नितिन शेण्डे ने कहा कि मिलेट्स पौष्टिकता से भरपूर होते हैं, इसलिए इन्हें सुपर फूड भी कहा जाता है। पुराने समय में मिलेट्स को भोजन में शामिल करने के कारण उनमें अधिक शक्ति होती थी। आईएचएम विद्यार्थियों ने कहा कि भविष्य में वे मिलेट्स फूड को प्रमोट करेंगे, जिससे लोगों का स्वास्थ बेहतर हो सके। यह विशेष उल्लेखनीय है कि इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट में छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश के विभिन्न हिस्सों के लगभग 100 विद्यार्थियों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान कर रही है। डिग्री कोर्स के लिए तीन लाख से अधिक और डिप्लोमा के लिए 45 से 52 हजार तक की फीस डीएमएफ फंड से दी जा रही है। इसके साथ ही विद्यार्थियों के रहने और भोजन की भी व्यवस्था की गई है। विद्यार्थियों ने राज्य सरकार और मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का आभार जताते हुए मिलेट्स को छत्तीसगढ़ी व्यंजनों में प्रयोग कर प्रदेश की संस्कृति को आगे बढ़ाने की बात कही है। 

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य लघुवनोपज संघ और आईआईएमआर हैदराबाद के संयुक्त तत्वाधान में तीन दिवसीय मिलेट कार्निवाल का आयोजन किया जा रहा है। मिलेट कार्निवाल का उद्देश्य मिलेट को लोगों के दैनिक आहार में शामिल करने तथा इसके पोषक मूल्य के प्रति जनजागरूकता लाना है।

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