जशपुर कलेक्टर ने मनोरा विकासखंड के सरपंचों की ली बैठक, जिला पंचायत सीईओ ने सभी सरपंचों को सफलता के दिए टीप

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सरपंच अपने गांव के आंगनबाड़ी, स्वास्थ्य केंद्र और आश्रम-छात्रावास का नियमित निरीक्षण करे

अच्छे कार्य करने वाले सरपंचों को मनरेगा और डीएमएफ के तहत् कार्य स्वीकृत किए जाएगें

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल ने बुधवार को मनोरा के जनपद पंचायत सभाकक्ष में सरपंचों की बैठक लेकर छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना का लाभ हर वर्ग तक पहुंचाने के लिए कहा है। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ श्री जितेन्द्र यादव उपस्थित थे।

कलेक्टर ने सभी सरपंचों को अपने गांव के स्कूल आंगनबाड़ी केन्द्र, स्वास्थ्य केंद्र, आश्रम- छात्रावास का नियमित निरीक्षण करने के लिए कहा है और स्कूल में शिक्षकों की नियमित उपस्थिति, आंगनबाड़ी केंद्र में कार्यकर्ता समय पर केन्द्र को खोलते हैं कि नहीं, नन्हे बच्चों को गर्म भोजन दिया जा रहा है कि नहीं। साथ ही स्कूल, आश्रम-छात्रावास और आंगनबाड़ी केन्द्र में बच्चों की नियमित उपस्थिति का नियमित जानकारी रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सरपंचों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि अच्छे कार्य करने वाले सरपंचों को 15 अगस्त और 26 जनवरी में प्रोत्साहित किया जाएगा। साथ ही मनरेगा और डीएमएफ से कार्य स्वीकृत किए जाएंगे।

कलेक्टर ने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण के क्षेत्र में सभी सरपंच अच्छा कार्य करें। उत्कृष्ट कार्य करने वाले सरपंचों को उनके ग्राम पंचायतों में विकास कार्य करने के लिए कार्य दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी सरपंच गोधन न्याय योजना का बेहतर संचालन कर रहें हैं। गोबर खरीदी खाद बनाने, खाद विक्रय में हमारा जिला पहले पैयदान पर है आगे और भी ऐसे कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि पहुंच विहिन क्षेत्र और जहॉ रोड़ की आवश्यकता है ऐसे जगहों का नाम अनिवार्य रूप से भेजें। ताकि वहॉ की समस्या का समाधान प्राथमिकता से किया जा सके। उन्होंने कहा कि अपने गांव में स्वास्थ्य समिति की बैठक अनिवार्य रूप से ले और बैठक में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, ए.एन.एम और मितानीन को भी शामिल करने के निर्देश दिए हैं।

जिला पंचायत सीईओ ने सभी सरपंचों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि अपने कार्यो के लिए एक दिनचार्य बना लें। कि हमें सप्ताह या माह में क्या-क्या कार्य करना है और उसी अनुसार स्कूल, आंगनबाड़ी, स्वास्थ्य केन्द्र, आश्रम-छात्रावास का निरीक्षण करते जाए और छोटी-छोटी आवश्यकताओं और कमियों को दूर करते जाए। उन्होंने कहा कि सही सीमा में काम करने पर मान-सम्मान और लोगों का विश्वास बढ़ता है। समय के साथ चलने वाले अपने जीवन में जरूर सफल होते हैं। उन्होनें अच्छे कार्य करने के लिए सरपंचों को मूलमंत्र दिए। सरपंचों को समय पर काम पूरा करने और रूटिन के अनुसार कार्य करने के लिए कहा।     

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