शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी को राजकीय सम्मान के साथ दी गई नम आखों से अंतिम विदाई….रायगढ़ शोकमग्न
November 15, 2021अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब, गमगीन माहौल में शहीद कर्नल त्रिपाठी, उनकी धर्मपत्नी और बेटे को दी गई अश्रुपूरित अंतिम बिदाई
रायगढ़ में शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी की पार्थिव देह पर कर्नल विप्लव त्रिपाठी के पिता सुभाष त्रिपाठी के साथ उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी
समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो,
रायपुर, मणिपुर राज्य के चुराचन्दपुर जिले के ग्राम सियालसी के समीप 13 नवंबर को उग्रवादी हमले में शहीद हुए रायगढ़ के कर्नल विप्लव त्रिपाठी का आज शाम राजकीय सम्मान के साथ रायगढ़ के मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार किया गया। शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी के साथ हमले में शहीद हुई उनकी धर्मपत्नी श्रीमती अनुजा त्रिपाठी और पुत्र अबीर त्रिपाठी का भी अंतिम संस्कार किया गया।
इसके पूर्व शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी, उनकी धर्मपत्नी श्रीमती अनुजा त्रिपाठी और पुत्र अबीर त्रिपाठी का पार्थिव शरीर वायु सेना के विशेष विमान से दोपहर 12.40 बजे रायगढ़ के जिंदल एयरपोर्ट पहुंचा। शहीद के अंतिम दर्शन और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की ओर से उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल ने शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
सांसद रायगढ़ श्रीमती गोमती साय, विधायक रायगढ़ प्रकाश नायक, विधायक धरमजयगढ़ लालजीत सिंह राठिया, विधायक लैलूंगा चक्रधर सिदार, विधायक सारंगढ़ श्रीमती उत्तरी गनपत जांगड़े, जिला पंचायत अध्यक्ष रायगढ़ निराकार पटेल, महापौर नगर निगम रायगढ़ श्रीमती जानकी काटजू, कलेक्टर भीम सिंह, पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा सहित रायगढ़ शहर के हजारों लोगों ने एयरपोर्ट में शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
एयरपोर्ट से शहीदों के पार्थिव शरीर को फूलों से सजे सेना के वाहन में उनके निवास लाया गया। एयरपोर्ट से घर तक पूरे रास्ते में रायगढ़वासी शहर के वीर सपूत को पुष्प वर्षा कर श्रद्धांजली दे रहे थे। निवास स्थान में परिजनों द्वारा शहीदों के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन उपरांत रामलीला मैदान में शहरवासियों के अन्तिम दर्शन व श्रद्धांजलि के लिए रखा गया।
इसके बाद शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी, उनकी पत्नी श्रीमती अनुजा त्रिपाठी व पुत्र अबीर त्रिपाठी के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए मुक्ति धाम ले जाया गया। यहां असम राइफल्स के जवानों द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और राजकीय सम्मान के साथ उनका अन्तिम संस्कार किया गया।