दुर्लभ जन्मजात अस्थि विकार से ग्रसित थी नन्हीं अनन्या, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम चिरायु से हुआ सफल इलाज

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परिजनों ने योजना के माध्यम से प्राप्त सहयोग से खुश होकर स्वास्थ्य विभाग का किया आभार

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, सारंगढ़-बिलाईगढ़

कलेक्टर डॉ.फरिहा आलम सिद्दीकी के निर्देशन व मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एफ.आर.निराला के कुशल मार्गदर्शन में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम चिरायु का सफल क्रियान्वयन हो रहा है। पिछले माह 22 जनवरी को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोसीर में सिंघनपुर निवासी अंजू टण्डन पति राजू 28 वर्ष जिसने एक बच्ची को जन्म दिया जो एक दुर्लभ जन्मजात अस्थि विकार से ग्रसित थी तत्काल सारंगढ़ चिरायु टीम के डॉक्टर्स को बताया गया। अत: टीम द्वारा जाकर देखा गया जो वास्तव में दुर्लभ बर्थ डिफेक्ट्स में से एक था। अत: तत्काल चिरायु आई डी क्रमांक 1030747380 से रिफर किया गया। जिसे चिकित्सकीय भाषा में हाइपरएक्सटेंशन ऑफ नी या डिसलोकेशन ऑफ नी (जीनू रिकर्वेटम) कहते हैं। इस विकार का प्रसार दर प्रति 1:1000 जीवित जन्म बच्चों में होता है। इस विकार में नवजात शिशु के दोनों पैर पूर्णत: अपने स्थान से 180, एंगल तक खिसक जाते हैं। चिरायु टीम द्वारा जिला अस्पताल रायगढ़ के प्रसिद्ध ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ दिनेश पटेल और फिजियोथेरेपीस्ट डॉ सिन्हा से सम्पर्क कर वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया। फिर 25 जनवरी को पहली बार जांच व इलाज हेतु चिरायु टीम जिला अस्पताल रायगढ़ ले गयी जहां शिशु के वजन को देखते हुए अगले हफ्ते का समय दिया गया।

डॉ सिदार (बीएमओ),श्री एन एल इजारदार (डीपीएम) व डॉ प्रभुदयाल खरे ;जिला नोडल . चिरायुद्ध के मार्गदर्शन में पुन: चिरायु टीम सारंगढ़ की डॉ प्रभा द्वारा 1 फरवरी को जिला अस्पताल रायगढ़ ले जाया गया जहाँ जांच के बाद आर्थोपेडीक डॉक्टर, फिजियोथेरेपीस्ट व क्योर इंडिया से कुमारी गीता साहू के मार्गदर्शन में पहली बार सीरियल कास्टिंग की प्रक्रिया पूर्ण की गई। सप्ताह भर बाद फिर से चिरायु की डॉ नम्रता मिंज के द्वारा जिला अस्पताल ले जाकर 8 फरवरी को कॉस्टिंग और डॉ बबिता व हिंगलेश्वरी के द्वारा 15 फरवरी को जिला अस्पताल रायगढ़ चिरायु वाहन से पुन: ले जाकर रिकास्टिंग की प्रक्रिया करवाई गई है। प्रतिदिन स्थिति में सुधार होते जा रहा है। 22 फऱवरी को भी चिरायु के डॉ बद्री विशाल पंकज के द्वारा जिला अस्पताल रायगढ़ ले जाकर सीरियल कास्टिंग करवाई गई है। अब नन्ही बिटिया अनन्या पहले से ठीक व स्वस्थ महसूस कर रही है। परिजन भी चिरायु के सहयोग व कार्य से खुश होते हुए पूरे टीम व स्वास्थ्य विभाग का आभार प्रकट किया है। इस पूरे कार्य में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोसीर के डॉ दीपांश सक्सेना चिकित्सा अधिकारी, डॉ वसीम खान आयुष चिकित्सा अधिकारी, श्रीमती सरोजा बौद्ध सिस्टर, श्रीमती प्रेमलता सिस्टर की अहम भूमिका रही है।

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