घरेलू विवाद में अपनी पत्नी के उपर माचिस से आग लगाकर जलाने वाले आरोपी पति को पुलिस ने किया गिरफ्तार,

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सिटी कोतवाली जशपुर में आरोपी संतोष विश्वकर्मा के विरूद्ध धारा 307 भा.द.वि. का अपराध हुआ पंजीबद्ध

सिटी कोतवाली जशपुर क्षेत्र के बाधरकोना ग्राम की घटना,

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, जशपुर

जशपुर : प्रकरण के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 27 फरवरी 2023 को 30 वर्षीय प्रार्थिया ने थाना सिटी कोतवाली जशपुर में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसे उसकी भतीजी ने फोन से बताया था कि उसकी माँ उम्र 40 साल को पिताजी संतोष विश्वकर्मा ने माचिस से आग लगा दिया है, जिसे ईलाज हेतु जिला चिकित्सालय जशपुर में भर्ती किये हैं। तब प्रार्थिया ने अस्पताल जाकर ईलाजरत बड़ी बहन से पूछताछ की तो उसने बताया कि उसके पति संतोष विश्वकर्मा आये दिन शराब पीकर घरेलू संबंधी छोटी-छोटी बातों को लेकर लड़ाई-झगड़ा मारपीट करते रहते हैं।

दिनांक 27 फरवरी 2023 के शाम को संतोष विश्वकर्मा शराब पीकर लगभग 08:30 बजे घर में आये और झगड़ा कर अपने पूरा कपड़ा को घर के आंगन में निकाल दो, मैं जला देता हूं बोलने लगा, जिस पर पीड़िता ने उसके कपड़े को आंगन में निकाल दी। तब संतोष विश्वकर्मा उसे जला रहा था। पीड़िता द्वारा कपड़े को जलाने से मना करने पर वह पीड़िता के ही पहने कपड़े पर माचिस की तिल्ली से आग लगा दिया, जिससे उसके पेट, कमर से नीचे तक पैर में जल गई है। बीच-बचाव करने के दौरान इसकी रिष्तेदार के अंगुली एवं बांया पैर जल गया है। संतोष विश्वकर्मा द्वारा जान से मारने की नियत से अपनी माचिस जलाकर आग लगा दिया है। प्रार्थिया की रिपोर्ट पर धारा 307 भा.द.वि. का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

आरोपी संतोष विश्वकर्मा

प्रकरण की विवेचना दौरान थाना सिटी कोतवाली जशपुर द्वारा तत्परतापूर्वक कार्यवाही कर प्रकरण के आरोपी संतोष विश्वकर्मा को अभिरक्षा में लेकर पूछताछ करने पर उक्त अपराध को घटित करना स्वीकार किया एवं उसके कब्जे से घटना में प्रयुक्त माचिस एवं पीड़िता के जले हुये कपड़े को जप्त किया गया। आरोपी संतोष विश्वकर्मा उम्र 42 साल निवासी तपकरा बाधरकोना को दिनांक 01 मार्च 2023 को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है।    

इस प्रकरण की विवेचना कार्यवाही एवं आरोपी को गिरफ्तार करने में उप निरीक्षक के.पी.सिंह, प्रधान आरक्षक 347 मनोज सिंह, आरक्षक विरेन्द्र तेंदुआ, आरक्षक अमित भगत, आरक्षक नारायण सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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