वकील ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर बनाए 3 शासकीय आदेश, 3 प्रकरण में 12 लाख रुपये की सहायता राशि धोखाधड़ी कर निकालने का कर रहा था प्रयास, सत्यापन में हुआ खुलासा, आरोपी अधिवक्ता को न्यायिक रिमांड में भेजा गया जेल

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फर्जी दस्तावेज तैयार कर धोखाधड़ी कर रकम निकालने वाला आरोपी तुलसीराम घृतलहरे निवासी भाटापारा वार्ड नंबर 24 को किया गया गिरफ्तार, जांजगीर पुलिस ने की कार्यवाही

आरोपी के विरुद्ध थाना जांजगीर में अपराध क्रमांक 183/23 धारा 420,467,468 भादवि पंजीबद्ध

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जांजगीर-चांपा

जांजगीर : प्रार्थी उमेश साहू द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराया कि वह सहायक ग्रेड 2 पद पर कलेक्ट्रेट कार्यालय जिला जॉजगीर-चाम्पा में पदस्थ है तथा आर बी सी 6-4 का प्रभारी लिपिक के पद पर कार्यरत हैं। दिनांक 03.03.23 को तहसील कार्यालय जॉजगीर में पदस्थ नायब नाजिर उज्जवल तिवारी के द्वारा आर बी सी 6-4 के तहत् प्रदाय किये जाने वाली सहायता राशि से संबंधित तीन आदेश की प्रति परीक्षण/जाँच करने हेतु लाया गया था।

उक्त तीनों आदेश में से प्रथम आदेश का क्रमांक (1) पृष्ठ क्रमांक 14361/ आर बी सी 6-4 जॉजगीर दिनांक 25.11.2022, द्वितीय आदेश का क्रमांक (02) पृ कंमाक 15923 आर बी सी 6-4 जॉजगीर दिनांक 30.12.2022 तथा तृतीय आदेश का क्रमांक 15705 आर बी सी 6-4 जॉजगीर दिनांक 23.12.2022 अंकित था। उक्त क्रमांक के तीनो आदेश का तथा कार्यालयीन प्रति का अवलोकन करने पर ज्ञात हुआ कि यह तीनो आदेश कलेक्टर कार्यालय जिला जॉजगीर से जारी नही किया गया है तथा उक्त आदेश में फर्जी तरीके से आदेश का पृ० क्रमांक लिख कर 400000.00 (चार लाख रू०) प्रति प्रकरण की दर से कुल राशि 1200000.00 रुपये प्राप्त करने का प्रयास किया जा रहा था।

उक्त आदेश में संयुक्त कलेक्टर श्रीमती निशा नेताम मंडावी का फर्जी हस्ताक्षर किया गया है। कलेक्टर कार्यालय से आदेश जारी होने के पश्चात तहसील कार्यालय में देयक तैयार किया जाता है। चूकि आदेश तीन माह पुराना था तथा एक साथ तीन आदेश एक ही व्यक्ति तुलसीराम घृतलहरे के द्वारा प्रस्तुत किया गया था। इस कारण नायब नाजिर उज्ज्वल तिवारी के द्वारा उक्त आदेश पुष्टि हेतु प्रार्थी के समक्ष लाया गया। उज्ज्वल तिवारी के द्वारा बताया गया कि उक्त तीनो आदेश की प्रति तुलसीराम घृतलहरे के द्वारा लाया गया था।

उक्त घटना से यह स्पष्ट है कि उक्त व्यक्ति तुलसीराम घृतलहरे के द्वारा कूटरचना कर फर्जी शासकीय दस्तावेज तैयार किया गया एवं संयुक्त कलेक्टर का फर्जी हस्ताक्षर किया गया तथा शासकीय कार्यालय को गुमराह करके राशि रु. 12,000,00.00 (बारह लाख मात्र) गबन करने की कोशिश किया गया है जिस पर आरोपी के विरुद्ध थाना जांजगीर में अपराध क्रमांक 183/23 धारा 420,467,468 भादवि पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

प्रकरण में विवेचना कार्यवाही के दौरान प्रार्थी से कलेक्टर कार्यालय के सामान्य जावक  पंजी एवं उपरोक्त तीनों आदेश की कॉपी का मिलान करने पर आवक जावक पंजी में उक्त आदेश का किसी प्रकार का कोई उल्लेख होना नहीं पाया गया। जिस पर प्रार्थी से रजिस्टर जप्ती किया गया।

प्रार्थी तथा संयुक्त कलेक्टर श्रीमती निशा मरावी से पूछताछ कर कथन लिया गया जो उक्त तीनों आदेश का किसी प्रकार का कोई प्रकरण आदेश जारी नहीं करना एवं हस्ताक्षर अपना नहीं होना बताएं आरोपी को तलब कर पूछताछ किया गया जो मृतक करमन खरसन, खीखन राम एवं कुमारी  सोनाली को क्रमशः पानी में डूबने सर्प काटने बिच्छू काटने के नाम से उनके परिजनों को लाभ दिलाने हेतु फर्जी प्रकरण तैयार कर तहसील कार्यालय में पेश करना जिसमें स्वयं का निजी लाभ लेना स्वीकार किया गया। आरोपी अधिवक्ता तुलसीराम घृतलहरे उम्र 57 वर्ष निवासी भाटापारा वार्ड नंबर 24 थाना जांजगीर को दिनाँक 4 मार्च 23 को न्यायिक रिमांड में भेजा गया।

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