जनजातीय गौरव दिवस : आजादी का अमृत महोत्सव, तीन दिवसीय जनजातीय क्राफ्ट मेला का सफल समापन, शिल्पकारों के स्टालों से 3 लाख रूपए के उत्पादों की बिक्री

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समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो,

रायपुर, आजादी का अमृत महोत्सव अंतर्गत छत्तीसगढ़ आदिमजाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान तथा भारत सरकार द्वारा 15 से 17 नवंबर तक रायपुर के पंडरी स्थित छत्तीसगढ़ हाट में आयोजित तीन दिवसीय जनजातीय क्राफ्ट मेला का समापन आज शाम मुख्य अतिथि संसदीय सचिव द्वारिकाधीश यादव द्वारा किया गया।

इस मौके पर संसदीय सचिव श्री यादव ने छत्तीसगढ़ हाट में लगे विभिन्न प्रकार की शिल्प विधाओं में से ढ़ोकरा शिल्प या बेलमेटल, जूट शिल्प, बांस शिल्प, कालीन निर्माण, गोदना शिल्प, चित्रकारी, छिंद एवं कांस शिल्प, काष्ठ शिल्प, बुनकरी शिल्पकला के कुल लगाये गये 33 स्टॉलों का भ्रमण भी किया गया। उन्होंने स्टॉल के अवलोकन के दौरान हस्तशिल्पकारों से चर्चा की और उनके द्वारा तैयार उत्पादों की खरीदी कर उनका उत्साहवर्धन भी किया। उन्होंने जनजातीय क्राफ्ट मेला में राज्य के कोण्डागांव जिले से 04, बस्तर से 05, गरियाबंद से 02, राजनांदगांव से 03, नारायणपुर से 04, सरगुजा से 04, रायगढ़ से 01, जशपुर से 03, कोरबा-बिलासपुर से 01-01, बालोद से 01 एवं रायपुर जिले से 03 स्टॉल के माध्यम से कुल 61 शिल्पकारों द्वारा अपने उत्पादों का प्रदर्शन सह-विक्रय आयोजन की प्रशंसा की गई।

समापन समारोह में छत्तीसगढ़ आदिमजाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान की संचालक श्रीमती शम्मी आबिदी ने कहा कि अल्प समय में आयोजित इस जनजातीय क्राफ्ट मेला में प्रदर्शित जनजातीय कला को आगंतुकों द्वारा काफी सराहा गया है। उन्होंने बताया कि एक आंकलन अनुसार इन तीन दिवसों में लगभग 3 लाख रूपये तक के उत्पादों का विक्रय विभिन्न स्टॉलों के माध्यम से किया गया। राज्य के विभिन्न जिलों से आये कुल 61 जनजातीय शिल्पकारों में से 36 शिल्पकार महिला वर्ग से हैं, जो कि शिल्पकला के क्षेत्र में महिलाओं की सशक्त भागीदारी को दर्शाती है। श्रीमती आबिदी ने कहा कि इन तीन दिवसों में संस्थान द्वारा उपस्थित शिल्पकारों से प्रत्यक्ष रूप में कार्यकुशलता पर अध्ययन भी किया गया जो भविष्य में कलाशिल्प में शोध के क्षेत्र में सहायक सिद्ध होगा। आयोजन में छत्तीसगढ़ लोक कला मंच के कलाकारों द्वारा जनजातीय जीवनशैली पर आधारित करमा, ददरिया आदि का सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गई। उन्होंने कहा कि भविष्य में शासन स्तर पर जनजातीय कला-कौशल एवं शिल्प को प्रोत्साहित करने इस प्रकार के आयोजन निरंतर किये जाते रहेंगे।

कार्यक्रम में आये हुए शिल्पकारों के द्वारा सफल आयोजन के लिए प्रसन्नता व्यक्त करते हुए अपने अनुभव साझा किये गये और भविष्य में ऐसे आयोजनों के प्रयोजन की कामना की गई। संस्थान द्वारा आए हुए समस्त शिल्पकारों को प्रशस्ति पत्र सह प्रमाण-पत्र प्रदाय किए गए। उपायुक्त प्रज्ञान सेठ द्वारा क्राफ्ट मेला के सफल आयोजन हेतु हस्तशिल्प विकास बोर्ड एवं संस्थान की पूरी टीम का आभार व्यक्त करते हुए मेले के समापन की घोषणा की गई।

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