“सिगरेट एवं तंबाकू उत्पादों को कहो – ना” का संदेश देकर मना ‘तंबाकू निषेध अभियान दिवस’, जन-जागरूता के लिए जागरूकता रथ हुआ रवाना !

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प्रदेश को तंबाकू मुक्त बनाने के लिए कोटपा अधिनियम 2003 की धाराओं का पालन करने का हुआ आह्वान,

 कोटपा अधिनियम 2003 की धाराओं का उल्लंघन करने वालों पर हुई चालानी कार्यवाही भी

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, रायपुर

रायपुर : राज्य में तंबाकू उपयोग विशेषकर गैर धूम्रपान या चबाने वाला तंबाकू का उपयोग अत्यधिक किया जाता है। इस चिंतनीय विषय के प्रति लोगों में जन चेतना जागृत करने और गैर घूम्रपान या चबाने वाले तंबाकू का उपयोग नहीं करने का संदेश देते हुए शुक्रवार को ‘तंबाकू उत्पाद निषेध अभियान दिवस’ मनाया गया। स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रदेश में उपरोक्त दिवस पर एक ओर जहां ‘सिगरेट एवं तंबाकू उत्पादों को कहो – ना’ का संदेश दिया गया। वहीं दूसरी ओर प्रदेश को तंबाकू मुक्त बनाने के लिए कोटपा अधिनियम 2003 की धाराओं का उल्लंघन करने वालों पर चालानी कार्यवाही भी हुई।

इसके अलावा तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थानों एवं चालानी कार्यवाही के संबंध में अद्यतन जानकारी टोबैको मोनिटरिंग ऐप” के माध्यम से करने का आह्वान किया गया। राज्य में तंबाकू उपयोग विशेषकर गैर धूम्रपान या चबाने वाला तंबाकू अत्याधिक उपयोग किया जाता है, जो कि चिंतनीय है। इसके प्रति लोगों में जागरूकता लाने को अति आवश्यक बताते हुए बीते दिनों स्वास्थ्य संचालक भीम सिंह ने 17 मार्च को तंबाकू निषेध अभियान दिवस के रूप में मनाने का निर्देश दिया था, साथ ही जिला स्तर पर विविध कार्यक्रमों के माध्यम से तंबाकू का उपयोग नहीं करने के लिए जन मानस को जागरूक करने को कहा था। इसी निर्देश के आलोक में राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत विविध कार्यक्रमों के जरिए उपरोक्त दिवस राज्य नोडल अधिकारी तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम डॉ. कमलेश जैन के मार्गदर्शन में मनाया गया।

इस संबंध में राज्य नोडल अधिकारी राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम डॉ.कमलेश जैन ने बताया “वैश्विक युवा तंबाकू सर्वेक्षण 2019 के अनुसार प्रदेश में 39.1% प्रतिशत तंबाकू उपयोगकर्ता हैं। 13 से 15 आयु वर्ग के युवाओं में इसकी व्यापकता 8% प्रतिशत है। इसलिए सबसे आवश्यक है कि युवा पीढ़ी विशेषकर इस आयु वर्ग को तंबाकू उत्पादों का सेवन करने से बचाएं। इसके लिए सामूहिक सहभागिता जरूरी है। तंबाकू के सेवन से कैंसर ही नहीं कई बीमारियां भी हो सकती हैं। अतः तंबाकू उत्पादों के दुष्प्रभावों के प्रति जन-जागरूकता लाना भी बहुत जरूरी है। इसलिए राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम,  कोटपा अधिनियम 2003 की समस्त धाराओं के बेहतर क्रियान्वयन एवं जन समुदाय की सहभागिता तथा अधिनियम की जानकारी के साथ-साथ राज्य के समस्त जिलों, शैक्षणिक संस्थानों को धूम्रपान मुक्त बनाए जाने के लिए सामूहिक योगदान आवश्यक है। तंबाकू निषेध अभियान दिवस मनाने का भी यही उद्देश्य है ताकि स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ सभी विभागों के समन्वय से राज्य को तंबाकू मुक्त बनाया जा सके। तंबाकू मॉनिटरिंग ऐप (टीएमए) तैयार किया गया है। इसके जरिए तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान एवं एक्ट के उल्लंघन पर चालानी कार्यवाही की जा रही है। इसमें सभी विभागों का सहयोग मिल रहा है, इसके लिए उन्हें साधूवाद। जनता से भी अपील करते हैं कि वह तंबाकू सेवन से होने वाले स्वास्थ्य नुकसान को समझे और इसका सेवन नहीं करे। “

राजधानी में आयोजित हुए विविध आयोजन-

राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम जिला रायपुर के द्वारा तंबाकू के नशे के विषय में आम जनता को जागरूक करने हेतु विविध कार्यक्रम आयोजित हुए। इस दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथिलेश चौधरी एवं जिला कार्यक्रम प्रबंधक मनीष कुमार मेजरवार के द्वारा जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। रायपुर कलेक्ट्रेट परिसर में डीएसपी चित्रा वर्मा को तंबाकू मुक्त क्षेत्र और परिसर हेतु प्रचार सामग्री प्रदान की गई। इस मौके पर डॉ. श्रृष्टि यदु, जिला सलाहकार तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम एवं डॉ. शिल्पा जैन असिस्टेंट प्रोफेसर दंत चिकित्सा महाविद्यालय, डेंटल असिस्टेंट टाकेश्वर सेन एवं अन्य मौजूद रहे। इसके अलावा पंचायत भवन, पुलिस भवन, गढ़ कलेवा, सीएमएचओ कार्यालय भवन को तंबाकू उत्पाद को प्रतिबंधित करते हुए कोटपा अधिनियम 2003 के अंतर्गत सूचना पटल धूम्रपान एवं तंबाकू निषेध क्षेत्र का बोर्ड लगाना सुनिश्चित किए जाने के लिए प्रचार सामग्री (आईईसी मटेरियल) प्रदान किया गया। जिला प्रवर्तन दल द्वारा खाद्य एवं औषधी प्रशासन विभाग एवं पुलिस विभाग के सहयोग से पान दुकानों पर कोटपा अधिनियम 2003 के तहत चालानी कार्यवाही भी हुई।

जिला स्तर पर भी हुए विविध कार्यक्रम

जिला स्तर पर विशेष दिवस पर विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसमें स्कूल एवं कॉलेजों में तंबाकू उत्पादों के दुष्प्रभावों के बारे में बताते हुए तंबाकू निषेध जागरूकता कार्यक्रम किए गए। इस दौरान स्कूल स्तर पर कई प्रतियोगिताएं आयोजित हुई। इसके अलावा समस्त शासकीय कार्यालयों में तंबाकू उत्पाद को प्रतिबंधित करते हुए कोटपा अधिनियम 2003 के अंतर्गत सूचना पटल धूम्रपान एवं तंबाकू निषेध क्षेत्र का बोर्ड लगाना सुनिश्चित किया गया, साथ ही जिले में गठित प्रवर्तन दल द्वारा विशेष चालानी कार्यवाही हुई। स्वास्थ्य केन्द्रों में गर्भवती व धात्री माताओं समेत अन्य लोगों को तंबाकू के दुष्प्रभाव के विषय में बताया गया। टोबैको मॉनिटरिंग ऐप में सर्वाधिक चालानी कार्यवाही एवं तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान की अद्धतन जानकारी देने वालों को प्रोत्साहित किया गया, ताकि हर जिले तक तंबाकू नियंत्रण हेतु कार्य किया जा सके।

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