कूटरचित दस्तावेज कर राज्य शासन की छवि खराब करने की कोशिश की तो जाना पड़ेगा जेल, रायपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने की लोगों से सोशल मीडिया में सतर्कता बरतने की अपील

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भारतीय दंड संहिता की अलग- अलग धाराओं में हो सकती है सजा

ऐसे ही एक कूचरचित दस्तावेज के मामले में अवर सचिव ने दर्ज कराई है एफआईआर

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

वर्तमान में सोशल मीडिया के माध्यम से सूचनाएं तेजी से एक जगह से दूसरी जगह तक फैलती हैं। हालांकि जल्दबाजी के चक्कर में अक्सर लोग इस बात की जानकारी लेना भूल जाते हैं कि ये सूचना सही है भी या नहीं। ऐसे ही एक मामले में गृह विभाग के अवर सचिव के नाम से कूचरचित दस्तावेज को सोशल मीडिया में वायरल किया गया है जो पूरी तरह से गलत है और भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत धारा 419 और 469 के दायरे में आता है।

भारतीय दंड संहिता की धारा 419  में प्रतिरूपण द्वारा छल के लिए दण्ड का प्रावधान है। इस धारा के अनुसार जो कोई प्रतिरूपण द्वारा छल करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।

इसी तरह से  भारतीय दंड संहिता की धारा 469 के अनुसार, जो कोई कूटरचना इस आशय से करेगा कि वह दस्तावेज या इलैक्ट्रानिक अभिलेख जिसकी कूटरचना की जाती है, किसी पक्षकार की ख्याति की अपहानि करेगी, या यह सम्भाव्य जानते हुए करेगा कि इस प्रयोजन से उसका उपयोग किया जाए, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा ।

गौरतलब है कि हाल ही में किसी अज्ञात व्यक्ति के द्वारा गृह विभाग के अवर सचिव के नाम व पदनाम का उल्लेख कर  एक कूटरचित दस्तावेज सोशल मिडिया मे वायरल कर छत्तीसगढ़ शासन एवं गृह विभाग की छबि धूमिल करने का प्रयास किया गया है, जिसमें प्राप्त शिकायत के आधार पर राखी थाना में अज्ञात आरोपी के खिलाफ दण्डनीय अपराध पंजीबध्द किया गया है।

रायपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने आम लोगों से  सोशल मीडिया पर इस तरह से भ्रामक और कूचरचित संदेशों से सतर्क रहने का आग्रह किया है। इसके साथ ही जानबूझकर ऐसा करने वालों के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी है।

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