कृषि विज्ञान केंद्र व कृषि महाविद्यालय में अक्ति तिहार का किया गया आयोजन
April 23, 2023समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जांजगीर-चांपा
कृषि विज्ञान केंद्र व कृषि महाविद्यालय जांजगीर-चांपा के संयुक्त तत्वाधान में अक्ति तिहार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि नारायण चंदेल नेता प्रतिपक्ष छत्तीसगढ़ विधान सभा, अध्यक्षता श्री एसपी वैध एडीएम जांजगीर , विशिष्ट अतिथि श्री राघवेंद्र प्रताप सिंह उपाध्यक्ष जिला पंचायत जांजगीर , श्री व्यास कश्यप मंडी अध्यक्ष एवं श्री राजकुमार साहू सभापति कृषि स्थाई समिति द्वारा माटी पूजन एवं बलभद्र देव व छत्तीसगढ़ महतारी के तैल चित्र पर दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। साथ ही साथ इस अवसर पर बीज की बुवाई की गई।
नेताप्रतिपक्ष एवं विधायक श्री चंदेल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जांजगीर-चांपा जिले को धान्य के क्षेत्र में अग्रणी बताया पर उन्होंने दलहन तिलहन वह साग सब्जी की खेती पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा की जिन क्षेत्रों में रबी फसल नहीं लगी है वहां पानी को तालाबों वह जलाशयों की ओर मोड़ने की आवश्यकता है ताकि जल संरक्षण हो सके व भूजल स्तर में वृद्धि हो सके। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री वैद्य ने खेतों में काडा नाली बनाये जाने की बात कही। श्री राघवेंद्र प्रताप सिंह जी ने अक्ति तिहार में लिए गए निर्णय को अक्षय होना बताया खरीफ फसलों हेतु बीजों का चयन करने की बात कही श्री व्यास कश्यप जी ने अक्ति तिहार को कृषकों का प्रथम त्यौहार बताया व तालाबों कुओ की साफ-सफाई की बात कही । कार्यक्रम को राजकुमार साहू जी , अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय , डॉक्टर ए के सिंह एवं कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख डॉ राजीव दीक्षित द्वारा भी संबोधित किया गया ।
प्रगतिशील कृषक श्री श्याम लाल राठौड़ ने 10 पूरानी किस्मों को केंद्र को सौंपा कार्यक्रम में श्री शिवकुमार तिवारी दुष्यंत सिंह पूर्नेद सिंह रामप्रकाश केशरवानी संदीप तिवारी प्रशांत अग्रवाल एवं अन्य विकास खंडों से आए लगभग डेढ़ सौ कृषको ने भाग लिया। कार्यक्रम के अंत में केंद्र द्वारा धान एवं अरहर बीज का वितरण , कृषि विभाग से आए सहायक संचालक कृषि नीलिम आजाद द्वारा स्प्रेयर का वितरण व इफको से आए श्री सिंह द्वारा वेस्ट डी कंपोजर का वितरण किया गया। कार्यक्रम मैं छात्र-छात्राओं द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए कार्यक्रम को सफल बनाने में केंद्र के सभी वैज्ञानिकों व कर्मचारियों का विशेष योगदान रहा।