अपने खुद के पुरखों को अपमानित करने वाले क्या खाक पुरखों का सम्मान करेंगे?, 15 साल तक आदिवासी नायकों की याद नहीं आई अब पुरखौती सम्मान की नौटंकी कर रहे – सुशील आनंद शुक्ला

Advertisements
Advertisements

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

पुरखौती सम्मान यात्रा भाजपा की बेशर्म राजनैतिक नौटंकी है। छत्तीसगढ़ में मुद्दों की दिवालियेपन से जूझ रही भाजपा अपना अस्तित्व बचाने इस प्रकार की कवायद कर रही है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कौन से पुरखे के सम्मान की बात कर रहे है भाजपा के लोग? अपने खुद के पुरखे अटल बिहारी वाजपेयी जी की अस्थि कलश सामने रखकर रमन के मंत्री अट्टहास करते रहे। भाजपा के संस्थापक नेताओं में से एक आडवाणी को अपमानित करके तिरस्कृत कर दिया। वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी को जीते जी भुला दिया। छत्तीसगढ़ भाजपा के पितृ पुरूष माने जाने वाले स्व. लखीराम अग्रवाल की गाड़ियों में आग लगवा दिया था। स्व. दिलीप सिंह जुदेव को कितना अपमानित किया किसी से छुपा नहीं है। अपमान की पीड़ा नहीं सह पाने के कारण वरिष्ठ आदिवासी नेता नंद कुमार साय को भाजपा छोड़ना पड़ा। जो अपने खुद के बुजुर्गो का सम्मान नहीं कर पाये वे क्या खाक पुरखों का सम्मान करेंगे? भाजपा की इस बेशर्म नौटंकी को राज्य की जनता समझ रही है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि आखिर कौन से पुरखों के सम्मान की बाते कर रहे भाजपाई? 15 सालो तक आदिवासी और आदिवासी संस्कृति को दबाया गया। आदिवासियों को जेल की सलाखों के पीछे डालने वाले आज सत्ता हाथ से जाने के बाद आदिवासी पुरखों की याद करने की नौटंकी कर रहे। भाजपा बताये 15 साल कितने आदिवासी नायको के नाम योजना बनाया, सड़के बनाया, तब तो सारी योजना श्यामा प्रसाद मुखर्जी और दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर किया, तब छत्तीसगढ़ के देश के एक भी आदिवासी नायक की याद नहीं आई आज जनता को ठगने पुरखौती सम्मान यात्रा निकाल रहे।

Advertisements
Advertisements
error: Content is protected !!