जलाशय व छठ घाट पर नगर सरकार ने चलाया सफाई अभियान, नगारिकों का नहीं मिला समर्थन, नपं सफाईकर्मियों ने अभियान की बचाई लाज

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विगत दो दिनों से सफाई अभियान को सफल बनाने की जा रही थी तैयारी, जनता से मांगा गया था सहयोग

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, कुनकुरी

कुनकुरी नगर में आज शनिवार को प्रातः छ बजे से स्थानीय जलाशय डेम व छठ घाट की साफ सफाई का कार्य विधायक यूडी मिंज के निर्देशन में प्रशासन और नागरिकों के सहयोग से होना तय हुआ था। तय कार्यक्रम के अनुसार शनिवार को छः तो बजे लेकिन जीतने जन सहयोग की उम्मीद की गई थी लोग पहूंचे नही। एक से डेढ़ घण्टे बाद धीरे धीर नागरिकों एवं अधिकारियों कर्मचारियों का आना प्रारंभ हुआ और जलाशय एवं घाटां पर बैठकर काफी देर तक जलाशय की सफाई पर चर्चा होती रही।

स्थानीय नगर पंचायत की सफाई टीम के साथ कुछ दर्जन भर नागरिक एवं शासकीय कर्मचारियों के साथ एक से दो घण्टे तक प्रतिकात्मक रूप से सफाई का कार्य किया गया और धीरे धीरे सूर्य के बढ़ते तापमान के साथ संख्या बल घट गया। नगर पंचायत की सीएमओ पुष्पा खलखो विधायक यूडी मिंज की उपस्थिति में अपनी सफाई टीम एवं एसएलआरएम सेंटर की स्वच्छता दीदियों के साथ जलाशय एवं घाटो की सफाई कराती रही। नगर के जलाशय में चला इस सफाई अभियान में दर्शकों की संख्या सहयोग में उठे हाथां से ज्यादा रही।

सफाई कार्य के लिये लाई गई नौकाओं का उपयोग भी सफाई कार्य से ज्यादा नौका विहार के लिये किया गया। सफाई कार्य से अधिक नौकाओं का प्रयोग जलाशय में जाकर सेल्फी लेने में ज्यादा किया गया। डेम की सफाई अभियान का कचरा नगर के अनेक वाट्सएप्प ग्रुप तक में फैल गया जिसकी भी लोग सफाई करते रहे।

नगर पंचायत अध्यक्ष, पार्षद भी रहे अभियान से दूर

नगर पंचायत के 15 पार्षद 3 एल्डरमेन में से ईक्का दुक्का पार्षद ही अभियान में उपस्थिति दर्ज कराये। नगर पंचायत की अध्यक्ष अजेम टोप्पो भी सफाई के इस अभियान में अपनी सहभागिता निभाते नही दिखाई दी।

शराब की खाली बोतलें बनी सबसे बड़ी समस्या

इस सफाई अभियान में सबसे बड़ी बाधा बनी शराब की खाली बोतलें। जलाशय के कुछ ही दूरी पर सरकारी शराब की दुकान है। उपभोक्ता शराब खरीदकर डेम के आसपास शराब का सेवन करते है और शराब की बोतलों को जलाशय में फेंक देते है। आज हो रही इस सफाई के दौरान कई सफाईकर्मी इन बोतलों के टूटे कांच की चपेट में आकर घायल भी हुए।

मछली मारने डेम का नहर खोल रहे लोग

जलाशय में अवैध रूप से मछली मारने के लिये लोग अपने मन से नहर का गेट खोलकर पानी बहा दे रहे है। जिसके कारण डेम का जल स्तर भी कम होता जा रहा है। निस्तार हेतु उपयोग करने वाले लोगों को गंदा पानी का उपयोग करना पड़ रहा है।

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