किसी मुख्यमंत्री द्वारा इस तरह भ्रष्टाचारियों की पैरवी करना निंदनीय, जनता ऐसे बयानों से और बेहतर समझने लगी है कि इन घोटालों में ‘पॉलीटिकल मास्टर’ कौन है – अरुण साव

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समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष, सांसद अरुण साव ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा कोयला घोटाले के आरोपी पर कर्नाटक में धाराएं हटने पर ईडी की कार्रवाई खत्म करने को बंधनकारी बताने पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री भ्रष्टाचारियों की पैरवी करने और किस हद जायेंगे। कोयला में प्रति टन 25 रुपये की अवैध वसूली के मामले में जिस आरोपी को ठोस साक्ष्य के कारण अदालत से जमानत नहीं मिल रही, उसके समर्थन में मुख्यमंत्री का यह बयान कि ईडी की जांच खत्म करना बंधनकारी है, साफ संकेत दे रहा है कि जो आरोपी सलाखों के पीछे है, वह कमीशन एजेंट है। मुख्यमंत्री की उपसचिव भी घोटाले में गिरफ्तार हैं, उन्हें भी अब तक जमानत नहीं मिली है तो अब भूपेश बघेल जांच ही खत्म कर देने कह रहे हैं। इसका सीधा अर्थ है कि भूपेश बघेल अच्छी तरह जानते हैं कि घोटाले के ठोस सबूत ईडी ने अपनी जांच में जुटाए हैं और उन्हें अदालत को सौंपा है तो घोटालेबाज आसानी से छूटने वाले नहीं हैं, इसलिए वे ईडी की जांच खत्म करने कर्नाटक का हवाला दे रहे हैं। कर्नाटक पुलिस ने धाराएं क्यों हटाईं, यह भी जांच का विषय है।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद भूपेश बघेल ने वहां की राज्य सरकार के जरिये पुलिस को विवश करने जरूर गांधी परिवार का इस्तेमाल किया होगा। वे हर जगह कांग्रेस के चुनाव का खर्च इसी तरह की काली कमाई के जरिये उठा रहे हैं। छत्तीसगढ़ की जनता की यह धारणा पुष्ट हो गई है कि यहां हो रहे तमाम घोटालों का हिस्सा कांग्रेस कंपनी के मालिकों तक पहुंच रहा है। इस ऑर्गनाइज्ड क्राइम सिंडिकेट का बिगबॉस कौन है और उसके ही दबाव में कोल घोटाले के अहम किरदार को बचाने कर्नाटक में नाटक किया गया है ताकि बाकी के घोटालेबाज भी बच जाएं और सिंडिकेट के सरगना तक ईडी न पहुंच पाए। देश में कोई भी मुख्यमंत्री इस तरह भ्रष्टाचारियों की वकालत करते कभी नजर नहीं आया, जैसा भूपेश बघेल एक्सपोज हो चुके हैं। जनता उनका असली चेहरा देख रही है।

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