जिंदल प्लांट कर्मियों ने लिया तंबाकू का सेवन नहीं करने का संकल्प : जागरूकता कार्यक्रम में कंपनी कर्मचारी तंबाकू उत्पादों के सेवन से होने वाले नुकसान से हुए अवगत !

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जिंदल कंपनी के मेडिकल ऑफिसर डॉ. हिदायतुल्ला खान ने भी उपरोक्त कार्यक्रम की सार्थकता पर प्रकाश डालते हुए कर्मियों से मुख स्वास्थ्य पर ध्यान देने और तंबाकू का सेवन नहीं करने की अपील की

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, रायपुर

रायपुर : राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत गुरुवार को जिंदल कंपनी परिसर मंदिर हसौद में एक जन-जागरूकता कार्यक्रम’ का आयोजन किया गया। साथ ही चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा कंपनी के लगभग 50 कर्मियों के मुख स्वास्थ्य का परीक्षण कर उन्हें निःशुल्क चिकित्सकीय परामर्श भी प्रदान किया गया, साथ ही तंबाकू उत्पादों का सेवन करने से होने वाली गंभीर बीमारियों के बारे में भी विस्तार से बताया गया।

तंबाकू सेवन की आदत को छोड़ने के लिए कर्मियों की काउंसिलिंग भी की गई। उन्हें तंबाकू के सेवन से होने वाली बीमारियों और बचाव के बारे में जागरूक भी किया गया। इस दौरान कंपनी के कर्मचारियों एवं अधिकारियों ने तंबाकू उत्पादों का सेवन नहीं करने की शपथ भी ली।

आरंग सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. राहुल चोपड़ा ने तंबाकू सेवन के स्वास्थ्यगत दुष्परिणाम से उपस्थित कंपनी कर्मियों को अवगत कराया और तंबाकू नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बारे में विस्तार से बताया, साथ ही स्वास्थ्य केन्द्रों में लोगों को दी जाने वाली सेवाओं के बारे में जानकारी प्रदान की।

इस मौके पर दंत चिकित्सा अधिकारी डॉ. स्वाति अग्रवाल ने मुख स्वास्थ्य देखभाल और तंबाकू उत्पादों के सेवन से होने वाले शारीरिक नुकसान के बारे में विस्तार से जानकारी दी। विशेषकर उन्होंने तंबाकू उत्पादों में पाए जाने वाले निकोटीन और इसके हानिकारक प्रभावों पर प्रकाश डालते हुए ओरल निकोटिन रिप्लेसमेंट थैरेपी’ के बारे में बताया।

कार्यक्रम में राज्य विधिक सलाहकार, राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम ख्याति जैन ने बताया कि तंबाकू नियंत्रण के लिए कोटपा अधिनियम 2003 बनाया गया है, जिसमें धारा 4 के तहत सभी सार्वजनिक स्थानों पर स्मोकिंग करना अपराध है। पकड़े जाने पर दो सौ रुपये जुर्माना हो सकता है। धारा 6 बी के तहत विद्यालय के सौ गज के दायरे में कोई भी तंबाकू की दुकान नहीं होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि तंबाकू उत्पाद पर अगर चित्र के साथ चेतावनी नहीं होगी तो यह धारा 7 के तहत अपराध की श्रेणी में आता है। इसलिए उन्होंने लोगों से मुख स्वास्थ्य के साथ ही तंबाकू उत्पादों का सेवन नहीं करने की अपील की।

इस दौरान आरंग सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के चंद्रशेखर राव, सलाहकार मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम ने तंबाकू के सेवन से मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर के बारे में भी लोगों को बताया। उन्होंने बताया तंबाकू का सेवन ना सिर्फ शरीर को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि इसका लगातार सेवन मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डालता है। जिससे मानसिक समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं।

जिला चिकित्सालय स्पर्श क्लिनिक की सलाहकार नेहा सोनी ने जिला अस्पताल रायपुर में संचालित होने वाले स्पर्श क्लिनिक एवं नशा मुक्ति केन्द्र के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। इस दौरान वोलेंट्री हेल्थ एसोसिएशन’ (VHAI) के स्टेट प्रोग्राम मैनेजर अवधेश मल्लिक एवं स्टेट प्रोग्राम ऑफिसर सुष्मिता श्रीवास्तव ने तंबाकू नियंत्रण की दिशा में संस्था द्वारा किए जा रहे प्रयासों एवं कोटपा अधिनियम में संशोधन की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। वहीं द यूनियन’ संस्था के डिस्ट्रिक्ट कॉर्डिनेटर विलेश राऊत ने संस्था द्वारा ‘ब्लूमबर्ग परियोजना’ के तहत राज्य में तंबाकू नियंत्रण की दिशा में किए जाने वाले प्रयासों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम में जिंदल कंपनी के मेडिकल ऑफिसर डॉ. हिदायतुल्ला खान ने भी उपरोक्त कार्यक्रम की सार्थकता पर प्रकाश डालते हुए कर्मियों से मुख स्वास्थ्य पर ध्यान देने और तंबाकू का सेवन नहीं करने की अपील की। इस अवसर पर जिंदल कंपनी के एजीएम एच.आर. कमल शर्मा, जिला चिकित्सालय रायपुर स्पर्श क्लिनिक के काउंसलर अजय कुमार बैस के अलावा अन्य कर्मचारी एवं अधिकारी मौजूद रहे

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