जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक आयोजित, खाद बीज की उपलब्धता, नहरों की मरम्मत, अंतिम छोर तक पानी पहुंचाने की हुई चर्चा : उन्नत किस्म और कम अवधि वाले धान बीज का उपयोग करना फायदेमंद – कलेक्टर
June 23, 2023खरीफ फसल की सिंचाई के लिए 10 जुलाई से मिलेगा नहरों से पानी
समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जांजगीर-चांपा
कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी की अध्यक्षता में खरीफ वर्ष 2023 का कार्यक्रम निर्धारण हेतु जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक कलेक्टोरेट कार्यालय के सभाकक्ष में संपन्न हुई। बैठक में समिति के सचिव कार्यपालन अभियंता हसदेव नहर जल संभाग जांजगीर के द्वारा बांध में जल उपलब्धता की जानकारी दी गयी, जिसके अनुसार हसदेव बांगो परियोजना अंतर्गत जांजगीर-चाम्पा, सक्ती, कोरबा एवं रायगढ़ जिले के 2 लाख 43 हजार 270 हेक्टेयर में खरीफ सिंचाई का लक्ष्य रखा गया है। 20 जून की स्थिति में हसदेव बांगो जलाशय में कुल जल भराव क्षमता का 58.90 प्रतिशत है। समिति द्वारा विचारोपरान्त हसदेव बांगो परियोजना के अन्तर्गत हसदेव बांयी तट नहर प्रणाली एवं हसदेव दांयी तट नहर प्रणाली में खरीफ सिंचाई वर्ष 2023 हेतु 10 जुलाई से पानी प्रवाहित करने का निर्णय लिया गया है। बैठक में जलाशयों में उपलब्ध जल भराव, खरीफ वर्ष 2023 के सिंचाई कार्यक्रम, फसल का लक्ष्य निर्धारण तथा खाद, बीज व कीटनाशक की उपलब्धता जैसे विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई। बैठक में अकलतरा विधायक श्री सौरभ सिंह, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री राघवेन्द्र प्रताप सिंह, जिला पंचायत सदस्य श्री राजकुमार साहू, कृषि उपज मंडी नैला के अध्यक्ष श्री ब्यास नारायण कश्यप, कृषक प्रतिनिधि श्री दुष्यंत कुमार सिंह, श्री राजशेखर सिंह, श्री संदीप तिवारी, श्री शिव कुमार तिवारी, अपर कलेक्टर श्री एस पी वैद्य सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में अंतिम छोर तक पानी पहंुचाने, नहरों की मरम्मत करने, जल संसाधन विभाग के जलाशय एवं अन्य रकबों को अतिक्रमण से मुक्त कराने के संबंध में कृषक प्रतिनिधियों के सुझावो पर चर्चा हुई। बैठक में कलेक्टर ने खाद बीज के भंडारण तथा वितरण की चर्चा करते हुए खाद बीज की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सोसायटी में खाद बीज उठाव के लिए किसानों को किसी भी प्रकार की समस्या ना हो। कलेक्टर ने कहा कि उन्नत किस्म और कम अवधि वाले धान बीज का उपयोग करना किसानों के लिए अधिक फायदेमंद है। किसानों को इसका उपयोग करने, जमीन की उरर्वता बनाये रखने के लिए फसल चक्र लेने प्रोत्साहित करने कहा।