जशपुर जिला सहित पूरे छत्तीसगढ़ में 17 जुलाई को ’हरेली तिहार’ धूमधाम से मनाया जाएगा

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वन विभाग द्वारा गेड़ी तैयार कर सी-मार्ट जशपुर एवं वन परिक्षेत्र कार्यालय कुनकुरी, पत्थलगांव में उपलब्ध कराया गया 

गेड़ी चढ़ना छत्तीसगढ़ी परम्परा रही है

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

छत्तीसगढ़ की आबादी खेती किसानी पर निर्भर रहती है। खेती किसानी की शुरुआत के साथ हरेली तिहार मानने की परंपरा है। इस साल 17 जुलाई को छत्तीसगढ़ में हरेली त्यौहार मनाया जाएगा। छत्तीसगढ़ राज्य के प्रथम त्यौहार हरेली तिहार के उपलक्ष्य पर गेड़ी चढ़ने की परम्परा रही है। इसमें राज्य के सभी बच्चे, युवा व किसान भाईयों द्वारा हरेली तिहार के दिन विभिन्न प्रकार के खेलों का आयोजन किया जाता है। जिसमें से गेड़ी चढ़ना एक महत्वपूर्ण छत्तीसगढ़ी परम्परा रही है।

इसी परम्परा एवं संस्कृति के अनुरूप जनमानस तक सहजता से गेड़ी उपलब्ध कराने हेतु वन विभाग द्वारा वन प्रबंधन समिति के माध्यम से गेड़ी तैयार कर सी-मार्ट में उपलब्ध कराया गया है। साथ ही गेड़ी कुनकुरी तथा पत्थलगांव वन परिक्षेत्र कार्यालय में भी उपलब्ध है।

दरअसल छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है। यहां की आबादी खेती किसानी पर निर्भर रहती है। खेती किसानी की शुरुआत के साथ हरेली तिहार मानने की परंपरा है, इस साल 17 जुलाई को छत्तीसगढ़ में हरेली त्योहार मनाया जाएगा।  इसके पीछे राज्य सरकार की मंशा छत्तीसगढ़ के लोगों को अपनी परंपरा और संस्कृति से जोड़ना है, ताकि लोग छत्तीसगढ़ की समृद्ध कला-संस्कृति, तीज-त्यौहार और परंपराओं पर गर्व महसूस कर सकें।

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