72 किसान परिवारों को चाय की खेती से मिला रोजगार : चाय विशेषज्ञ किसानों को दे रहे हैं तकनीकी मार्गदर्शन.

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किसानों की लगभग 95 एकड़ निजी भूमि में लगाये जा रहे है 3 लाख 58 हजार 500 चाय के पौधे  

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, रायपुर

रायपुर : प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण जशपुर जिले में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। यहां की जलवायु, मिट्टी चाय और काफी की खेती के लिए बहुत उपयुक्त है। जिला प्रशासन, स्थानीय किसानों को चाय-काफी के साथ ही साथ फल-फूल, मसालों की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है। अब जिले के किसान धान की खेती के अतिरिक्त मसालों और मौसम के अनुकूल फसल लेने लगे हैं। प्रशासन ने किसानों को तकनीकी प्रशिक्षण के साथ ही असम, कोलकत्ता, दार्जलिंग जैसे अन्य राज्यों में भ्रमण के लिए भेज रही है, जिससे किसान स्वयं फसल की बारिकियों को जान सकें। जशपुर जिले के मनोरा और बगीचा विकासखण्ड के 72 किसानों के परिवारों को सीधा लाभ मिल रहा है तथा एक हजार से अधिक मजदूरों को रोजगार मिला है।

बगीचा विकासखंड के ग्राम छिछली (अ) एवं मनोरा विकासखंड के ग्राम केराकोना में चाय की खेती के क्षेत्र विस्तार के अंतर्गत किसानों की निजी भूमि मनरेगा और विभागीय योजना डीएमएफ के अंतर्गत लगभग 95 एकड़ भूमि में 3 लाख 58 हजार 500 चाय का पौधा लगाया जा रहा है। चाय के विशेषज्ञों के द्वारा किसानों के खेतों में भ्रमण कर खेती के संबंध में चर्चा की गई और तकनीकी जानकारी भी दिया जा रहा है। इससे स्थानीय किसानों में चाय की खेती के प्रति रूचि बढ़ी है। जिला प्रशासन ने 100 एकड़ कृषि भूमि में चाय पौध रोपण की कार्ययोजना भी तैयार किया है।

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