रंग-बिरंगी राखियां से सजेगी भाईयों की कलाईयां, रीपा में महिलाएं तैयार कर रही हैं आकर्षक राखियां !

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राखियों में परम्परा के अनुरूप मौली-धागा, मोती जैसी अन्य वस्तुओं का किया जा रहा है प्रयोग

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

रायपुर : रक्षाबंधन के पावन पर्व पर भाईयों की कलाईयों पर स्व-सहायता समूहों की बहनों की राखियां एक बार फिर सजेंगी। राज्य के गौठानों में स्वसहायता समूह की महिलाएं बड़ी संख्या में राखियां तैयार कर रही हैं। राखियों में परम्परा के अनुरूप मौली-धागा, मोती जैसी अन्य वस्तुओं का प्रयोग किया जा रहा है। ये राखियां आकर्षक होने के साथ-साथ भाई-बहनों के प्यार का प्रतीक भी हैं।

राज्य के कबीरधाम जिले में भी महिला स्वसहायता समूह द्वारा रंग-बिरंगी राखियां बनायी जा रही है, जिसकी मांग बाजार में अच्छी-खासी बनी हुई है। ग्राम मैनपुरा की महालक्ष्मी महिला स्व-सहायता समूह ग्राम पंचायत मजगांव की कुसुम महिला ग्राम संगठन एवं अन्य समहू द्वारा तैयार की जा रही राखियों से इन समूहों को अच्छी आमदनी भी हो रही है। अब तक लगभग 15 से 20 हजार रुपए की राखियां बेची जा चुकी हैं। राखियां लोगों को बहुत पसंद आ रही हैं और हाथों-हाथ बिक रही हैं।

उल्लेखनीय है कि कबीरधाम जिले में शुरू किए गए रीपा में ग्रामीणों को आजीविका के नए साधनों से जोड़ने के लिए नई-नई आर्थिक गतिविधियां शुरू की जा रही है। इसी कड़ी में महिला समूहों द्वारा राखियां तैयार की जा रही हैं।

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