शासन का नरवा विकास प्रोजेक्ट जल संरक्षण की दिशा में मील का पत्थर, राजनांदगांव एवं खैरागढ़ वन मंडल द्वारा नरवा प्रोजेक्ट के तहत किए गए प्रभावी कार्य

Advertisements
Advertisements

विगत 2 वर्षों में 14 करोड़ 29 लाख 45 हजार रूपए की लागत से 1 लाख 92 हजार 596 नरवा संरचना का निर्माण

वैज्ञानिक संरचना गेबियन स्ट्रक्चर, कान्टूर ट्रेंच, चेकडेम, लूज बोल्डर चेकडेम, डबरी, परकोलेशन टैंक, डाइक का निर्माण

नरवा प्रोजेक्ट से किसानों को मिल रहा पानी, वन क्षेत्र में भू-जल स्तर में वृद्धि

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो,

राजनांदगांव, छत्तीसगढ़ शासन की मंशा के अनुरूप जल संरक्षण एवं संवर्धन की महत्ता को समझकर राजनांदगांव एवं खैरागढ़ वनमंडल द्वारा व्यापक स्तर पर नरवा विकास के कार्य किए गए हैं। वैज्ञानिक पद्धति का उपयोग कर बेसलाइन सर्वे के माध्यम से जीआईएस मैपिंग के माध्यम से नरवा का चिन्हांकन किया है। सभी नालों में विभिन्न गेबियन स्ट्रक्चर, कान्टूर ट्रेंच, चेकडेम, लूज बोल्डर चेकडेम, डबरी, परकोलेशन टैंक, डाइक, एनीकट, पॉन्ड, स्टाप डेम, ब्रश वुड चेकडेम, गली प्लग संरचनाओं के निर्माण से नरवा प्रोजेक्ट को गति मिली है और भू-जल संरक्षण में आशातीत सुधार हुआ है। नरवा विकास कार्यक्रम से ग्रामीणों को रोजगार तो उपलब्ध हुआ ही है उनके उपयोग के लिए जल स्त्रोतों के जल स्तर में काफी सुधार हुआ है। वर्ष 2019-20 में राजनांदगांव एवं खैरागढ़ वन मंडल में 6 करोड़ 59 लाख 27 हजार रूपए की लागत से 78 हजार 342 नरवा संरचना का निर्माण किया गया। वर्ष 2020-21 में राजनांदगांव एवं खैरागढ़ वन मंडल में 1 करोड़ 85 लाख 39 हजार रूपए की लागत से 1 लाख 14 हजार 244 नरवा संरचनाओं का निर्माण किया गया।

राजनांदगांव वनमडण्ल के अंतर्गत वर्ष 2020-21 में स्वीकृति नरवा विकास कार्यो से परिक्षेत्र बाघनदी में बखरूटोला नाला, चिराई नाला, तेन्दू नाला संरचना बनाई गई हैं। अंबागढ़ चौकी में साल्हे कुसुमकसा नाला, गिधवा कुल्लूबंजारी नाला, माटेकसा नाला, आमानाला नाला, सड़क बंजारे नाला, खुज्जी में बरबसपुर नाला, चेपटी नाला, दक्षिणी मानपुर में घोटिया कनार नाला, बाघनदी में घोघरे नाला, चाबुक नाला, उत्तरी मानपुर में बसेली नाला संरचना बनाई गई।

खैरागढ़ वनमंडल में वर्ष 2019-20 में 11548 कंटूर टे्रंच तथा 235 लूज बोल्डर चेकडेम का निर्माण कराया गया है। 3 नालों अरचेडबरी-गहिराटोला नाला में नरवा विकास कार्यक्रम  भोथली, गातापार नाका, कटंगीखुर्द, देवरीखुर्द लाभान्वित होंगे।  मंडीपखोल नाला नरवा विकास कार्यक्रम से देवरचा, गोलारडीह, गेरूखदान, समनापुर, सिंगारपुर, गर्रा, लावातरा गांव तथा  कोहलाकसा नाला से मुंगलानी तथा झिंझारी गांव लाभान्तिव होंगे। नरवा की कुल लंबाई 50 किलोमीटर है तथा इससे 17927 हेक्टेयर जल संग्रहण क्षेत्र बढ़ा है। खैरागढ़ वनमण्डल में नरवा विकास के तहत 44 वन कक्षों में विस्तारित इन नालों पर कार्यों से वनमंडल की कुल 13 ग्राम पंचायतों से लगे 40 ग्रामों में भू-जल के स्तर में वृद्धि हो रही है। कार्य क्षेत्र के समीप स्थित 2240 परिवार प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित हो रहे हैं। इस कार्य के क्रियान्वयन से 59,635 मानव दिवस रोजगार सृजित हुआ है। तीनों नालों अरचेडबरी-गहिराटोला नाला, मंडीपखोल नाला एवं कोहलाकसा नाला में राज्य कैम्पा मद अंतर्गत स्वीकृत नरवा विकास कार्य प्रारंभ करने से पूर्व तथा कार्य पूर्ण होने के उपरांत वैज्ञानिक पद्धत्ति से बेस लाईन सर्वे का कार्य कराया गया है। कार्य कराये जाने के पूर्व वर्ष के जनवरी माह में नालों के कुछ हिस्सों में ही पानी प्रवाह रहता था, लेकिन कार्य कराये जाने उपरांत वर्ष भर चाहे पानी कम ही हो, निरंतर प्रवाह रहने की पूरी संभावना है।

वनक्षेत्र में नरवा विकास कार्य से जल संवर्धन, मृदा में नमी की वृद्धि के साथ ही साथ भू-जल स्तर में भी वृद्धि होने की निश्चित संभावना है। नरवा विकास कार्य के फलस्वरूप समीपस्थ स्थित ग्रामीणों के किसानी कार्य हेतु पानी की सुलभता एवं वन्यप्राणियों हेतु समय पर पर्याप्त मात्रा में पानी आसानी से उपलब्ध हो रहा है। 88 लघु नालों से बने तीनों नाले स्थानीय नदियों में समाहित होने के उपरांत औसतन लगभग 70-80 किलोमीटर की दूरी तय करके छत्तीसगढ़ की प्रमुख नदियों में से एक शिवनाथ नदी में मिलते हैं, इससे इन स्त्रोतों में वाटर रिचार्ज हो रहा है।

Advertisements
Advertisements
error: Content is protected !!