जशपुर जिले में हुआ नेशनल लोक अदालत का आयोजन, निःशुल्क स्वास्थ्य जांच के साथ दवाई का भी किया गया वितरण

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समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो,

जशपुर. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अमित जिन्दल ने बताया कि आज सम्पूर्ण देश में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। इसी क्रम में सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ राज्य के साथ-साथ जशपुर जिले में बाहय न्यायालय सहित न्यायालयो में कुल 10 खण्डपीठ का गठन कर नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया।

जिसमें सम्पूर्ण जिले में प्री. लिटिगेशन के 1905 तथा नियमित 282 प्रकरण निराकरण हेतु रखे गये थे। जिनमें से प्री. लिटिगेशन के 87 तथा नियमित प्रकरण 437 की संख्या में निराकृत किए गये थे। परिवार न्यायालय में भी 4 प्रकरणो का निराकरण हुआ। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जशपुर की अध्यक्षा एवं जिला एवं सत्र न्यायाधीश जशपुर ने स्वंय आने वाले पक्षकारो, बैंक अधिकारियो को लोक अदालत के माध्यम से प्रकरणो का निराकरण होने पर होने वाले फायदे के संबंध में जानकारी दी। इसके अतिरिक्त स्पेशल सिटिंग से भी प्रकरणो का निराकरण हुआ।

श्री जिन्दल ने बताया कि राजस्व न्यायालयो में भी उक्त आयोजन कर 2910 प्रकरणो का निराकरण किया गया। इसी स्तर पर निशुल्क स्पेशल हेल्थ कैम्प का भी आयोजन जिला प्रशासन के सहयोग से किया गया जिसमें लगभग 50 लोगो का हेल्थ चेकअप करके उन्हें निःशुल्क दवाई भी वितरीत कर उन्हें आवश्यक चिकित्सकीय सलाह भी दी गई।

श्रीमान सी.जे.एम. जशपुर ने सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जशपुर को बताया कि उनके न्यायालय में एक दाण्डिक प्रकरण लंबित है जिसकी पक्षकार श्रीमती प्रतिमा देवी ग्राम गिरला की है ग्राम गिरला से सीधे बस की सुविधा नही है तथा कुछ दिन पूर्व ही उनका ऑपरेशन होने के कारण उक्त महिला बाईक आदि से जशपुर आने में असमर्थ है। उक्त पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जशपुर की अध्यक्षा श्रीमती अनिता डहरिया के मागदर्शन में सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जशपुर ने उक्त महिला पक्षकार से पी.एल.वी. के माध्यम से सम्पर्क किया गया। महिला प्रतिमा ने बताया कि वह उसके प्रकरण का राजीनामा के माध्यम से निराकरण कराना चाहती है परंतु यदि किसी चार पहिया सवारी की व्यवस्था हो जाये तो वह सहर्ष न्यायालय आकर उसके प्रकरण का निराकरण करना चाहती है तथा उसे जशपुर से कुछ दवाई भी कय करना है। जिस पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जशपुर द्वारा उक्त महिला के आने-जाने की व्यवस्था कराई गई और उक्त महिला ने आकर उसके मामले का स्वेच्छापूर्वक राजीनामा किया और दवाई दिलाकर वापस उसके गांव पहुचाया गया।

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