पुलिस अधीक्षक ने आरक्षकों को विवेचना का अधिकार सौंपा, प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन, नए कानून के तहत विवेचना, पुलिस ने बढ़ाई दक्षता
August 11, 2024फील्ड में विवेचना का व्यावहारिक ज्ञान, विवेचना में वीडियोग्राफी फोटोग्राफी का महत्व एवं NAFIS परियोजना के माध्यम से आरोपियों को सजा दिलाने में फिंगरप्रिंट की महत्ता के बारे में बताया गया
समदर्शी न्यूज़ बलौदाबाजार-भाटापारा, 11 अगस्त 2024/ छत्तीसगढ़ शासन, गृह विभाग द्वारा अधिसूचित भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 के अध्याय 05,06,11,12,13,14,15,17 के विभिन्न धाराओं के अंतर्गत, 10 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण कर चुके एवं क्रमोन्नति प्राप्त कर वेतन मैट्रिक्स 06 लेवल प्राप्त कर रहे वरिष्ठ आरक्षकों को विवेचना का अधिकार दिया गया है। इसी क्रम में आज दिनांक 11.08.2024 को प्रातः 10:00 बजे से सायं 04:00 बजे तक जिला पंचायत सभागार बलौदाबाजार में पुलिस अधीक्षक द्वारा एक अभिनव पहल करते हुए विवेचना के अधिकार देने से पूर्व सभी वरिष्ठ आरक्षकों के लिए अनुसंधान संबंधित एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पुलिस विभाग में विवेचना की गुणवत्ता को उच्चतम स्तर पर बनाए रखना है। भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धाराओं के अंतर्गत पंजीबद्ध अपराधों में विवेचना का अधिकार प्राप्त करने वाले वरिष्ठ आरक्षक ना केवल अपने ज्ञान को विस्तार देंगे, बल्कि कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। प्रशिक्षण कार्यक्रम के पश्चात उपस्थित समस्त वरिष्ठ आरक्षकों का प्रशिक्षण में बताए गए बिंदुओं में टेस्ट परीक्षा का भी आयोजन किया गया।
प्रशिक्षण कार्यशाला में जिला अभियोजन कार्यालय से श्री गजेंद्र साहू उप संचालक अभियोजन एवं श्रीमती सरिता शर्मा जिला अभियोजन अधिकारी द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित समस्त वरिष्ठ आरक्षकों को नए कानून के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारी दिया गया। प्रशिक्षण अधिकारियों द्वारा बताया गया कि- नए कानून में भारतीय दंड संहिता को अब भारतीय न्याय संहिता किया गया है, जिसमे विशेषता दंड से ज्यादा न्याय पर आ गया है। उन्होंने आगे कहा कि नए कानून में बहुत सारी और चीजे आ रही है, अब अनुसंधान की प्रगति को पीड़ित को बताना जरूरी रहेगा।
प्रशिक्षण में नए कानून के संबंध में अनुसंधानकर्ताओं को नए आपराधिक कानूनों, धाराओं और सजा से अवगत कराया गया एवं उनको जागरूक कर उनकी क्षमता को विकसित कर प्रभावी कार्य करने के लिए सभी को प्रोत्साहित किया। सांथ ही उन्होंने माननीय न्यायालय द्वारा समय समय पर जारी निर्देशों से अवगत कराते हुए महत्वपूर्ण बिन्दुओं को प्रशिक्षण में साझा किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में नए कानून में दिए गए मुख्य बिंदुओं का बहुत ही सहज रूप में समाधान किया गया। प्रशिक्षण में उपस्थित वरिष्ठ आरक्षकों द्वारा नए कानून के संबंध में कई प्रश्न पूछा गया, जिस पर उनकी जिज्ञासाओं का समाधान करते हुए उनके प्रश्नों का उत्तर भी दिया गया।
इस दौरान पुलिस अधीक्षक ने कहा, इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य हमारे आरक्षकों को नवीन कानूनों के तहत विवेचना करने के अधिकार प्रदाय करने से पूर्व उनको दक्ष करना है। यह पहल ना केवल हमारी पुलिस बल की दक्षता को बढ़ाएगी बल्कि न्याय प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और प्रभावकारी बनाएगी तथा लंबित मामलों को भी कम करेगी। इस प्रशिक्षण से आरक्षकों में व्यावहारिक दृष्टिकोण से विवेचना करने की क्षमता भी विकसित होगी।
आगे उन्होंने कहा कि विवेचना की शक्ति बहुत बड़ी शक्ति है, यह शक्ति मिलने पर आप सबकी जवाबदारी भी बड़ी हो जाती है। विवेचना के बिंदुओं को समझना आप सभी के लिए अत्यंत आवश्यक है। विवेचना के हर कालम का अपना एक अलग महत्व है। नए कानून में गवाहों की उपस्थिति में वीडियोग्राफी सबसे महत्वपूर्ण है। प्रशिक्षण की बातों को सीखिए, उनका अनुपालन करिए तथा ईमानदारी से एवं तत्परता पूर्वक कार्य करिए एवं वर्तमान समय के अनुसार आप सभी स्वयं को अपडेट करिए। पुलिस की यह पहल कानून व्यवस्था की मजबूती की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में श्री राजेश श्रीवास्तव उप पुलिस अधीक्षक द्वारा फील्ड में विवेचना के दौरान क्या-क्या बातें महत्वपूर्ण होनी चाहिए एवं किन-किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए उन बातों पर ध्यान आकृष्ट किया गया। उन्होंने घटना का समय, पुलिस बल का पहुंचना, गिरफ्तारी, जप्ती आदि प्रक्रिया के दौरान विवेचना में समय का बहुत बड़ा महत्व है। प्रभारी सीसीटीएनएस द्वारा नवीन कानून में निहित प्रावधानों के तहत वीडियोग्राफी/फोटोग्राफी की महत्ता तथा फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट द्वारा NAFIS परियोजना के तहत प्रत्येक प्रकरण में फिंगरप्रिंट लेने की प्रक्रिया एवं उसकी अनिवार्यता को समझाते हुए बताया गया कि किसी प्रकरण में आरोपी को सजा दिलाने में फिंगरप्रिंट का एक अहम एवं बड़ा योगदान है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्य रूप से श्रीमती निधि नाग एसडीओपी बलौदाबाजार, रीडर-1 सउनि अश्वनी पडवार, तथा जिले के विभिन्न थाना, चौकी, रक्षित केंद्र में पदस्थ 84 की संख्या में वरिष्ठ आरक्षक उपस्थित रहे।