नंदनवन जंगल सफारी में तितलियों की दुनिया का अन्वेषण, छात्रों ने सीखे संरक्षण के गुर
August 25, 2024नंदनवन जंगल सफारी में तितलियों पर हुआ वॉक एंड टॉक कार्यक्रम का आयोजन, रंग-बिरंगी तितलियों की जानकारी रहा आकर्षण का केंद्र
समदर्शी न्यूज़ रायपुर, 25 अगस्त/ राजधानी रायपुर के नंदनवन जंगल सफारी में 24 अगस्त को तितलियों पर वॉक एंड टॉक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में रायपुर, कुरुद और बिलासपुर के विभिन्न कॉलेजों से 80 विद्यार्थियों ने भाग लिया।
वॉक एंड टॉक कार्यक्रम की शुरुआत में कंजर्वेशन सोसाइटी के अध्यक्ष श्री जे.पी. टंडन ने विद्यार्थियों को तितलियों की पारिस्थितिकी में महत्वपूर्ण भूमिका और उनके संरक्षण की आवश्यकता के बारे में जागरूक किया। इसके पश्चात शासकीय साइंस कॉलेज रायपुर के जूलॉजी विभाग की प्रोफेसर डॉ. कविता दास ने अपने विचार साझा करते हुए बताया कि अत्याधिक कीटनाशकों के उपयोग के कारण तितलियों की संख्या में तेजी से गिरावट हो रही है, जो पर्यावरण के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने विद्यार्थियों को इस दिशा में संवेदनशीलता विकसित करने और संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभाने का आग्रह किया।
कार्यक्रम में इसके बाद विद्यार्थियों के वॉक की शुरुआत हुई, जिसमें छात्रों को दो समूहों में बाँटा गया। वॉक के दौरान उन्होंने 3 किलोमीटर के ट्रेल पर तितलियों की विभिन्न प्रजातियों की पहचान की। इस दौरान छात्रों ने कॉमन क्रो, एमिग्रेंट, ग्रेट एगफ्लाई, सेलर जैसी तितलियों को देखा।
वॉक के अंत में, सभी विद्यार्थी ज़ू कैंपस में स्थित बटरफ्लाई गार्डन पहुँचे, जहाँ उन्हें होस्ट प्लांट्स के महत्व के बारे में जानकारी दी गई। विद्यार्थियों को बताया गया कि तितलियों के जीवनचक्र में इन पौधों की क्या भूमिका होती है और कौन से पौधे तितलियों के जीवित रहने में अहम भूमिका निभाते है । भ्रमण के उपरांत विद्यार्थियों को इंटरप्रिटेशन हॉल में जंगल सफारी पर आधारित डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई।
वॉक एंड टॉक कार्यक्रम में नंदनवन जंगल सफारी के निदेशक श्री धम्मशील गणवीर ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि जंगल सफारी को एक शिक्षा केंद्र के रूप में विकसित करना है, जहाँ विद्यार्थी वन्यजीवों पर शोध और अपने ज्ञान को समृद्ध कर सकें। उन्होंने विद्यार्थियों को जंगल सफारी में युवान वालंटियर प्रोग्राम में शामिल होने के लिए भी अपील की l
कार्यक्रम अंत में सभी विद्यार्थियों को उनकी भागीदारी के लिए प्रमाण पत्र प्रदान किए गए और उन्हें चिड़ियाघर का भ्रमण कराया गया। जहाँ उन्होंने तितलियों और अन्य जीवों को नजदीक से देखा।