छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने पत्रकार वार्ता कर लगाया आरोप: बलरामपुर में पुलिस हिरासत में युवक की मौत, मांगी जांच

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने पत्रकार वार्ता कर लगाया आरोप: बलरामपुर में पुलिस हिरासत में युवक की मौत, मांगी जांच

October 27, 2024 Off By Samdarshi News

रायपुर, 27 अक्टूबर/ छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने बलरामपुर में एक युवक की पुलिस हिरासत में मौत के मामले में राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पुलिस का दावा है कि गुरुचरण मंडल नामक युवक ने बाथरूम में फांसी लगा ली, लेकिन सभी तथ्य बताते हैं कि उसकी मौत पुलिस की पिटाई से हुई है।

बैज ने आरोप लगाया कि मृतक की पत्नी 29 सितंबर से लापता है और गुरुचरण को उसकी पत्नी के लापता होने के मामले में पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन बुलाया गया था। मृतक के परिजनों का कहना है कि पुलिस ने उन्हें चार दिन तक थाने में हिरासत में रखा और बेरहमी से पीटा।

कांग्रेस ने इस मामले की उच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच कराने, दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने और मृतक के परिवार को मुआवजा देने की मांग की है।

राजीव भवन में पत्रकार वार्ता का संबोधित करते हुये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि

ऽ बलरामपुर में पुलिस की कस्टडी में एक युवक गुरुचरण मंडल की मौत हो गयी। पुलिस का दावा है कि मृतक गुरुचरण की मौत बाथरूम में फांसी लगाने से हुई है।

ऽ सारे तथ्य बताते है बलरामपुर में युवक गुरुचरण मंडल की मौत पुलिस की पिटाई से हुई है।

ऽ मृतक जिसकी पत्नी 29 सितंबर को लापता हो गई थी।

ऽ गुरुचरण मंडल को उसके पिता के साथ उसकी पत्नी के लापता होने के संबंध में पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन बुलाया गया था।

ऽ मृतक के परिजनों का कहना है कि पुलिस ने 4 दिनों से उसे तथा उसके पिता को थाने बुलाया था तथा 4 दिनों से उसे थाने में हिरासत में रखा था।

ऽ पिछले 20 दिनों से मेरी बहू लापता है और मैं अपने बेटे के साथ तीन दिनों से हिरासत में हूं। पुलिस ने हमें बेरहमी से पीटा। बलरामपुर पुलिस की वजह से मैंने अपने बेटे को खो दिया।

हमारा सवाल

ऽ किसी भी व्यक्ति को पुलिस 24 घंटे से अधिक समय तक हिरासत में नहीं रख सकती। गुरुचरण मंडल, उनके पिता तथा एक अन्य को चार दिनों तक थाने में हिरासत में क्यों रखा गया? 24 घंटे के भीतर कोर्ट में क्यों प्रस्तुत नहीं किया गया?

ऽ मृतक के पास टॉवेल (तौलिया) कहां से आया जबकि उसके पिता का कहना है उसके पास कोई टॉवेल नहीं थी?

ऽ मृतक के शरीर का पंचनामा परिजनों व परिचितों के सामने क्यों नहीं किया गया?

ऽ मृतक के परिजन शव को दफनाने की मांग कर रहे थे, पुलिस जलाना क्यों चाहती थी, हालांकि बाद में दबाव के कारण दफनाया गया।

ऽ मृतक के शव को थाने से अस्पताल ले जाते उसके पिता ने देखा लेकिन उसके मौत की जानकारी थाने में उनको क्यों नहीं दिया गया?

हमारी मांग

ऽ इस मामले की उच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच कराया जाये।

ऽ इस पूरे मामले में पुलिस अधीक्षक, एसडीओपी तथा टीआई की भूमिका संदिग्ध है, उन सबके खिलाफ तत्काल कार्यवाही की जाये।

ऽ मृतक के शरीर का डॉक्टरों का दल बना कर फिर से पोस्टमार्टम कराया जाये।

ऽ मृतक के परिवार को 1 करोड़ मुआवजा दिया जाये।

ऽ प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था की नैतिक जिम्मेदारी लेकर मुख्यमंत्री इस्तीफा दे, गृह मंत्री को बर्खास्त किया जाये।

कानून व्यवस्था बेलगाम हो चुकी है

ऽ राज्य में रोज-रोज घट रही घटनायें यह साबित करने के लिये पर्याप्त है कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ चुकी है तथा आपराधिक घटनायें रोक पाना सरकार के बस की बात नहीं है। ऐसी नकारी और निक्कमी सरकार को तत्काल बर्खास्त कर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाना चाहिये।

ऽ जब जनता अपने जान-माल की सुरक्षा तथा अपराधियों और आपराधिक घटनाओं के विरोध में खुद सड़कों पर उतर जाये तथा राज्य के हालात अराजक हो जाये तब ऐसी सरकार को बर्खास्त कर दिया जाना चाहिये।

ऽ बलरामपुर में महिलाओं ने पुलिस पर हमला कर दिया। सरकार की अकर्मण्यता का नतीजा है जनता को अब पुलिस और सरकार पर भरोसा नहीं रह गया है।

ऽ जनता सरकार की क्षमता और पुलिस की दुर्भावनापूर्वक कार्यवाहियों के खिलाफ विद्रोह पर उतर आई है। पुलिस की अक्षमता और सरकार के अनिर्णय के कारण बलौदाबाजार में एसपी, कलेक्टर कार्यालय जला दिया गया, सूरजपुर में अपराधी के घर पर हमला करने गयी भीड़ ने एसडीएम को पीटने के लिये दौड़ा दिया, उनको भागकर जान बचानी पड़ी। कवर्धा में पुलिस से न्याय की उम्मीद छोड़ चुकी जनता ने एक व्यक्ति को उसके घर में जिंदा जला दिया।

ऽ सीतापुर में पुलिस की लापरवाही के खिलाफ अपराधी पर कार्यवाही की मांग को लेकर जनता ने 24 घंटे चक्का जाम कर दिया था तब जाकर पुलिस ने कार्यवाही किया।

ऽ यह सारी घटनाएं बताती है कि भाजपा के राज में अराजकता फैली हुई है। सरकार चलाने वाले कानून व्यवस्था को नहीं संभाल पा रहे है।

ऽ सरकार की विफलता की जवाबदेही मुख्यमंत्री की है। मुख्यमंत्री का नियंत्रण सरकार पर नहीं है। सरकार बेपटरी हो चुकी है।

ऽ 4 एसपी और कलेक्टर, दर्जनों वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को हटाने के बाद भी सरकार कानून व्यवस्था नहीं संभाल पा रही तब मुख्यमंत्री, गृह मंत्री को हटाने में क्यों हिचकिचा रहे है?

ऽ मुख्यमंत्री को ऐसा लगता है कि उनके गृह मंत्री की गलती नहीं है तो सरकार की नाकामी की जिम्मेदारी खुद लेकर तत्काल इस्तीफा दें।

बलरामपुर मामले को लेकर कांग्रेस छेड़ेगी जन आंदोलन

27 अक्टूबर को सभी जिला मुख्यालयों में पुतला दहन, 28 अक्टूबर सभी जिला कांग्रेस कमेटी में पत्रकारवार्तायें तथा 3 नवंबर को प्रदेश के सभी जिलों में धरना प्रदर्शन किया जायेगा।