
“सरकार जब संवेदना से चलती है, तो चुप्पी भी बोल उठती है : श्रवण यंत्र पाकर बलसाय और बलिस ने पाया नया सवेरा” मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय की मानवता केंद्रित पहल ने फिर से जोड़ी दो ज़िंदगियों की टूटी धुन
March 28, 2025जशपुर, 24 मार्च 2025/ मनुष्य की पांच इंद्रियां आंख, कान, नाक जीभ और त्वचा हमारे जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है यें इंद्रिया हमें देखने, सुनने, सूंघने, स्वाद लेने और छूने की क्षमता प्रदान करती है। इनमें से कोई एक काम करना बंद कर दें तो जीवन बेरंग सा हो जाता है। आज के समय आधुनिक चिकित्सा में ऐसे उपकरण और ईलाज की पद्धति आ गई है जिससे काफी हद तक इसका उपचार संभव हो सका है, लेकिन कई लोग आर्थिक तंगी की वजह से ईलाज नहीं करा पाते हैं। गरीबों को मदद करने की संवेदनशील सोच और समय पर उनका काम बन सके इसके लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने बगिया में कैंप कार्यालय की नींव रखी, जहां कई जरूरतमंदों को सही समय में मदद मिल रही है।
इसी संवेदनशील पहल की वजह से आज बंदरचुंआ के ग्राम मुस्कुटी के बलसाय और बलिस साय के चेहरे पर एक बार फिर से मुस्कुराहट तैरने लगी है। श्रवणदोष से पीड़ित दोनों को आज कैंप कार्यालय में श्रवण यंत्र प्रदान किया गया है। खेती-किसानी कर अपना जीवन-यापन करने वाले बलसाय और बलिस साय श्रवणदोष से पीड़ित थे। दोनों ने उम्मीद के साथ कैंप कार्यालय में आवेदन देकर अपनी समस्या बताई और श्रवण यंत्र प्रदान करने की मांग की। कैंप कार्यालय ने इस पर त्वरित पहल करते हुए उन्हें श्रवण यंत्र प्रदान किया। दोनों ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद दिया और कहा कि मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में उनकी समस्या का त्वरित निदान किया गया। आज उनके जीवन में खुशिया फिर से लौट आई है।