नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा-15 साल तक घोटालेबाजों की रमन सरकार थी आज छत्तीसगढ़ में गरीबों की हितैषी भूपेश सरकार

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मोदी सरकार सो रही थी तब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार महामारी काल में गरीब जनता को 35 किलो के हिसाब से 2-2माह का राशन मुफ्त दे रही थी

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो,

रायपुर, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि धर्मलाल कौशिक को अपने सरकार का कार्यकाल याद आ रहा है। जब रमन सरकार मे गरीबों के हक का डाका डालकर 36 हजार करोड़ का नान घोटाला किया गया था। आज छत्तीसगढ़ में गरीबों का राज आया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार एक-एक गरीब को अनाज उनकी पात्रता के अनुसार उपलब्ध करवा रही है। महामारी काल में जब मोदी भाजपा की सरकार गहरी निंद्रा में थी तब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार गरीब जनता को 35 किलो के हिसाब से दो माह का राशन एक साथ मुफ्त दे रही है। साथ ही केंद्र सरकार की 5 किलो राशन का वितरण भी मोदी सरकार के तय मापदण्डो के अनुरूप कर रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार में गरीबों को भरपेट भोजन मिल रहा है भूमिहीनों को 6 हजार रु सलाना मिल रहा है बिजली मुफ्त मिल रही है। ऐसे में 15 साल तक जो रमन भाजपा की गरीबो की चावल चोरी करने वाली सरकार थी उनके मठाधीशो के पेट मे दर्द हो रहा है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी भाजपा की केंद्र सरकार के मनमानी हठधर्मिता और गरीबों के प्रति गैर जिम्मेदाराना रवैया को देश ने देखा है किस प्रकार अचानक लॉकडाउन किया गया ट्रेन, बसों को बंद कर दिया गया तो देश भर के करोड़ों श्रमिक भाई नंगे पांव अपने मासूम बच्चे और अर्धांगिनी एवं बुजुर्ग माता-पिता  को लेकर पैदल सड़कों पर भूखे प्यासे भटकते हुए अपने घर पहुंचे। इस दौरान कई की सड़क हादसों रेल पटरियों में चलते हुए हादसों और भूख प्यास से मौत हो गई और केंद्र में बैठी मोदी सरकार कान में रुई डाल कर आंख में पट्टी बांधकर बैठी रही।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार लॉकडाउन के दौरान राज्य के बाहर कमाने खाने गए श्रमिकों को सुरक्षित घर लाने के लिए  ट्रेन का किराया दिए बसों की व्यवस्था की है और दूसरे राज्य श्रमिक जो छत्तीसगढ़ में थे उनके रहने खाने का प्रबंध किए जो अपने गृह राज्य जाना चाहते थे उनके घर वापसी की   व्यवस्था की। रहने खाने का प्रबंध किये। उनके रोजगार की व्यवस्था किये उनके मासूम बच्चों के लिए जूता चप्पल दवाइयों की व्यवस्था की है।

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