सरकार तुंहर द्वार शिविर में दिव्यांग बच्ची सना और जन्नत का बना दिव्यांगता प्रमाण-पत्र, बार-बार जिला अस्पताल जाने से मिली मुक्ति

June 22, 2022 Off By Samdarshi News

बच्चियों के पिता मैदान अली ने जताया जिला प्रशासन का आभार

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, कोरबा

कलेक्टर श्रीमती रानू साहू के मार्गदर्शन में जिले के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आयोजित किये जा रहे सरकार तुंहर द्वार शिविर से जिलेवासी लाभान्वित हो रहे है। शिविर स्थल में ही राशन कार्ड, पेंशन प्रकरण, राजस्व प्रकरण, जाति प्रमाण-पत्र, आय-निवास प्रमाण-पत्र, किसान किताब, ड्राइविंग लाइसेंस और दिव्यांगता प्रमाण-पत्र आदि सुविधाओं का लाभ नागरिकों को मिल रहा है। नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत घुडदेवा में आयोजित सरकार तुंहर द्वार शिविर में बांकीमोंगरा निवासी मैदान अली को बार-बार जिला अस्पताल जाने से मुक्ति मिल गयी। शिविर स्थल में ही उनकी दो दिव्यांग पुत्रियों सना निशा और जन्नत कुरैशी का दिव्यांगता प्रमाण-पत्र बन गया। सरकार तुंहर द्वार शिविर में प्रमाण-पत्र आसानी से बन जाने के कारण अब दोनो दिव्यांग बच्चियों को शासकीय योजनाओं का बेहतर लाभ मिलेगा। साथ ही दिव्यांगता पेंशन और दिव्यांगजनो को शासन द्वारा दिये जाने वाले विशेष प्रोत्साहन का भी लाभ मिलेगा। घर के पास ही शिविर स्थल में आसानी से दिव्यांगता प्रमाण-पत्र मिल जाने से मैदान अली ने खुशी जताते हुए जिला प्रशासन का आभार जताया है।

मैदान अली ने बताया कि उनकी नौ वर्षीय पुत्री जन्नत कुरैशी और दस वर्षीय पुत्री सना निशा शारीरिक रूप से दिव्यांग है। उन्होने बताया कि दिव्यांगता प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए दोनो बच्चियों को लेकर बांकीमोंगरा से जिला अस्पताल जाने में परेशानी होती थी। घर की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण अस्पताल जाने के दिन मजदूरी का भी नुकसान होता था। इस कारण अभी तक दिव्यांगता प्रमाण-पत्र नही बनवा पाया था। मैदान अली ने बताया कि पास के ही आंगनबाडी कार्यकर्ता द्वारा बताया गया कि जिला प्रशासन द्वारा सरकार तुंहर द्वार शिविर का आयोजन किया जा रहा है। शिविर स्थल में ही विभिन्न प्रमाण-पत्रों को बनाकर देने की सुविधा हैं। मैदान अली ने जानकारी प्राप्त करने के पश्चात शिविर स्थल में आकर दोनो बच्चियों की दिव्यांगता प्रमाण-पत्र बनाने के लिए आवेदन दिया। आवेदन देने के पश्चात शिविर स्थल में मौजूद मेडिकल बोर्ड के चिकित्सकों ने बच्चियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया। स्वास्थ्य परीक्षण के उपरांत चिकित्सकों ने शिविर में कुछ घंटे के भीतर ही दोनों बच्चियों का दिव्यांगता प्रमाण-पत्र जारी कर दिया।