काव्य भारती आषाढ़ उत्सव : हो हो भइया पानी दो, पानी दो गुड़घानी दो, अंकुर फुटे खेत में………!

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मनीष दत्त की स्मृति में आषाढ़ उत्सव, घनघोर वर्षा में काव्य भारती की संगीत संध्या का हुआ आयोजन

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, बिलासपुर

काव्य भारती के संस्थापक एवं विख्यात रंगकर्मी मनीष दत्त की परम्परा का निर्वाह करते हुये काव्य भारती द्वारा आषाढ़ उत्सव का गीत संगीत का आयोजन विकास नगर कार्यालय बाजपेयी परिषद में डॉ. विमल कुमार पाठक पूर्व अध्यक्ष राजभाषा आयोग के मुख्य अतिथ्य, चन्द्र प्रकाश बाजपेयी पूर्व विधायक अध्यक्ष काव्य भारती की अध्यक्षता एवं डॉ. विजय कुमार सिन्हा महासचिव काव्य भारती एवं डॉ. अजय पाठक संरक्षक सदस्य काव्य भारती के विशिष्ट अतिथ्य में सोत्साह सम्पन्न हुआ। प्रमुख अतिथि डॉ. विनय कुमार पाठक ने मनीष दत्त द्वारा काव्य संगीत के माध्यम से काव्य भारती को पहचान दिलाये जाने की प्रसंशा करते हुये कहा इसके संरक्षक संवर्धन करके ही मनीष दत्त को श्रद्धांजलि दी जा सकती है। इस कार्य में संस्था के अध्यक्ष चन्द्र प्रकाश बाजपेयी आगे बढ़े मेरा सदैव आशीष रहेगा।डॉ. पाठक ने मनीष दत्त पर शोध किये जाने की आवश्यकता बतलाई।

अध्यक्षीय आसंदी से पूर्व विधायक चन्द्र प्रकाश बाजपेयी ने कहा कि कारोना क़ाल में काव्य भारती की गतिविधियों में आवश्यक अवरोध हुआ लेकिन इस एतिहासिक परम्परा को प्रोन्नत करने के लिये संस्था प्रतिबद्ध है। गीत, संगीत, नृत्य, नाटिका का आयोजन कर मनीष दत्त पुरस्कार का भव्य आयोजन किया जावेगा। डॉ. विजय कुमार सिन्हा ने पावस प्रसंग पर ऐसे आयोजन की साथकर्ता सिद्ध करते हुये काव्य भारती की उपादेयता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बहुत से लोग लम्बी बातें करते थे, लेकिन आज जिस सहजता सरलता तनमन से बाजपेयी परिवार का समर्पण संस्था भूल नहीं सकती।

इस अवसर पर डॉ. सुप्रिया भारतीयन एवं डॉ. रत्ना मिश्रा ने आषाढ़ मास पर आधारित काव्य भारती के प्रसिद्ध काव्यों की संगीतमयी प्रस्तुति करके कार्यक्रम को ऊँचाई दी। विशेष रूप से विख्यात 15 कवियों द्वारा रचित गीत प्रथम प्रस्तुति गोपाल दास नीरज का गीत “हो हो भईया पानी दो पानी दो गुड़घानी दो, अंकुर फूटे खेत में की प्रस्तुति देते साथ घनघोर बारिश प्रारम्भ हो गयी, बिजली का बंद हो जाना बादल की कड़क आवाज़, चमक के बावजूद विख्यात कवि महिल मोहम्मद जायसी, माखन लाल चतुर्वेदी, विद्यापति, मीरा बाई, तुलसी दास, रहीम, डॉ. अजय पाठक, धर्मवीर भारती, महादेवी वर्मा, गोपाल दास नीरज, हरिवंश राय बच्चन, श्रीकांत वर्मा, कैलास बाजपेयी, शिवमंगल सिंह सुमन,  नागार्जुन, सियाराम सक्सेना आदि कवियों की प्रस्तुति देकर मन प्रफ़ुल्लित कर दिया ।

सर्व प्रथम डॉ अग्रसेन कन्नौजे,सनद तिवारी,डॉ प्रदीप निर्णनेजक द्वारा आषाढ़ पर आधारित पारम्परिक छ्त्तीसग़ढ़ी लोकगीत व काव्य प्रस्तुति को भी लोगों ने पसंद किया । अतिथियों का स्वागत सम्मान डॉ उषा किरण बाजपेयी डॉ. रश्मि बाजपेयी ने किया। इस अवसर पर डॉ विजय कुमार सिन्हा जी के जन्म दिवस पर काव्य भारती ने गीत गाकर बधाई दी। कार्यक्रम का सफल संचालन संस्था के अध्यक्ष चन्द्र प्रकाश बाजपेयी एवं आभार कार्यालय सचिव गौरव गुलहरे ने किया। झमाझम बारिस के बावजूद कार्यक्रम की सभी ने सराहना की।

इस अवसर पर जिन लोगों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही उनमें सर्वश्री डॉ. विनय पाठक, डॉ. विजय सिन्हा, डॉ. अजय पाठक, चन्द्र प्रकाश बाजपेयी, महेश श्रीवास, डॉ. जी डी पटेल, डॉ. अग्रसेन कन्नौजे, डॉ. प्रदीप निर्णनेजक, डॉ. उषा किरण बाजपेयी, डॉ. रश्मि बाजपेयी, डॉ. सुप्रिया भारतीयन, डॉ. रत्ना मिश्रा, अखिलेश चन्द्र, प्रदीप बाजपेयी, गौरव गुलहरे, अद्वैत भारत, अभ्युदय भारत, डॉ. मनीष बुधिया, मोहम्मद हसन रिज़वी, सनद तिवारी, कान्हा सोनी, सोमदत्त शर्मा, राधवेंद्र घर दीवान, इन्दु शर्मा, त्रिवेणी भोई, मनोज सिंह, ओम् प्रकाश पटेल, भावना बाजपेयी, हर्षा, अनिरुध बगे, बंटी नारंग, कल्याणी देवी, सतीश दत्त, बच्चू दा, राम कुमार भोई, तबले में संगत श्री पागे ने दिया। काव्य भारती के अतिथियों सहित सभी कला साहित्य साधकों द्वारा मनीष दत्त के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई।

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