देश में राष्ट्रवाद का उत्साह, कांग्रेस में पसरा है मातम – राजेश मूणत

देश में राष्ट्रवाद का उत्साह, कांग्रेस में पसरा है मातम – राजेश मूणत

August 4, 2022 Off By Samdarshi News

हर अच्छे काम का विरोध ठीक नहीं- भाजपा

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, रायपुर

छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा प्रवक्ता व राज्य के पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आव्हान पर आजादी के अमृत महोत्सव पर देश की जनता हर घर तिरंगा फहराने उत्साहित है। मोदी जी के ने इस आव्हान से सड़क पर छोटी-छोटी दुकान लगाकर रोजी रोजगार कमाने वाला वर्ग तक इस अभियान में शामिल हो गया है। जबकि राजनीतिक इतिहास में दफन होने की स्थिति में पहुंच चुकी जर्जर कांग्रेस में इस ऐतिहासिक अवसर पर भी राजनीतिक मातम पसरा हुआ है। देश की सुरक्षा, संरक्षा और विकास के साथ ही जनता के हित के हर अच्छे काम में अड़ंगा लगाने वाली कांग्रेस हर घर तिरंगा अभियान में भी अपनी संकीर्ण मानसिकता का परिचय देने से बाज नहीं आ रही। राष्ट्रपर्व पर ओछी राजनीति कांग्रेस ही कर सकती है और वह यही कर रही है।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता राजेश मूणत ने कहा कि विघ्नसंतोषी, देशविरोधी कांग्रेस हमेशा राष्ट्रहित के काम में रोड़ा अटकाती रही है। कांग्रेस ने कभी देश की सेना को सक्षम नहीं होने दिया। हथियारों की खरीद में दलाली खाती रही। रक्षा सौदों में भ्रष्टाचार करती रही। सेना की जरूरतें पूरी नहीं होने दीं और जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना को और अधिक मजबूत करने राफेल सौदे को अंजाम दिया तो कांग्रेस के सीने में असहनीय पीड़ा हो गई। हर स्तर पर कोशिश की कि सेना को राफेल न मिलने पाये। सेना के पराक्रम के सबूत मांगने तक माँगें। चीन से गतिरोध की स्थिति में अपनी ही सरकार को सरेंडर बता दिया कांग्रेस ने। उन्होंने कहा कि आज भारत का शौर्य दिख रहा दुनिया भर में जहां भारतीय योद्धा  अभिनंदन को ससम्मान पाकिस्तान को वापस करना पड़ा है। जहां पाकिस्तानी सरकार कांप रही थी भारत के आगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को भारत कंगन गौरव पच नहीं रहा और वह देश का ध्यान भटकाने तिरंगा अभियान में भी मीन-मेख निकालने से बाज नहीं आ रही है।

प्रदेश भाजपा प्रवक्ता राजेश मूणत ने कहा कि अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए किसी भी हद तक गिरने में माहिर कांग्रेस को अब आजादी के अमृत महोत्सव पर राष्ट्रवाद की उमंग रास नहीं आ रही है। ऐसे राजनीतिक दल का इस देश में कोई औचित्य नहीं रह गया है।