भाजपा महामंत्री ओपी चौधरी ने लगाया गंभीर आरोप : छत्तीसगढ़ ओलंपिक में खिलाड़ियों से घोषणा-पत्र भरवा कर भूपेश सरकार ने अमानवीयता की हद पार कर दी !
October 21, 2022सरकार की गलतियों के कारण अपनी जान गंवाने वाले युवा खिलाड़ियों की जिंदगी की कीमत इस सरकार ने सिर्फ 4 लाख रुपये तय की है
समदर्शी न्यूज ब्यूरो, रायपुर
प्रदेश भाजपा महामंत्री ओपी चौधरी ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री युवा खिलाड़ियों की जान से खिलवाड़ करते हुए गलत तरीके से राजनीति करने का दुष्प्रयास कर रहे हैं। जिसका दुष्परिणाम खिलाड़ियों की मौत के रूप में सामने आ रहा है। सरकार की लापरवाही और संवेदनहीनता के कारण अब तक दो खिलाड़ियों की मौत हो गई, सरकार की नजर में अपनी मौत के जिम्मेदार ये खिलाड़ी स्वयं है, क्योंकि सरकार जो खेल करवा रही है, उनमें भाग लेने वाले खिलाड़ियों से इस सहमति के लिए घोषणा-पत्र भरवाया जा रहा है कि यदि कोई घटना दुर्घटना होती है तो वह स्वयं जिम्मेदार होंगे।
प्रदेश भाजपा महामंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि बिना किसी सुविधा और बिना सुरक्षा साधनों के कराए जा रहे खेलों के दौरान सरकार का अमानवीय व्यवहार सामने आ चुका है। घरघोड़ा में युवा खिलाड़ी ठण्डाराम मालावार की जिंदगी का खेल कबड्डी खेलते-खेलते इसलिए खत्म हो गया क्योंकि गंभीर हालत में उन्हें घरघोड़ा से रायगढ़ ले जाने में एम्बुलेंस को साढ़े चार घंटे का समय लगा। आदिवासी बहन शांति मंडावी जब खेल के दौरान कोंडागांव में घायल हुई तो उसे रायपुर रेफर कर दिया गया, लेकिन एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं कराई गई। जब व्यवस्था हुई भी तो उसके पति से डीजल के नाम पर 6 हजार रुपये वसूले गए। आदिवासी बहन भी संवेदनहीन भूपेश बघेल सरकार की राजनीति की भेंट चढ़ गई।
भाजपा प्रदेश महामंत्री ओपी चौधरी ने कहा छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने अपनी लापरवाही, अव्यवस्था और अंधेरगर्दी के लिए हताहत होने वाले युवाओं को ही जिम्मेदार मानकर संवेदनहीनता की सारी हदें पार कर दी है। सरकार अब स्वास्थ्य सेवाएं देने, लोगों की जान-माल की रक्षा करने से भी पीछे हट रही है। सरकार की गलतियों के कारण अपनी जान गंवाने वाले युवा खिलाड़ियों की जिंदगी की कीमत इस सरकार ने सिर्फ 4 लाख रुपये तय की है। इससे अधिक बड़ी विडंबना छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढियों के लिए और क्या हो सकती है कि हमारे युवाओं की जिंदगी दांव पर लगाने वाली सरकार के मुखिया छत्तीसगढ़ प्रदेश के बाहर राजनीतिक कारणों से 50-50 लाख का मुआवजा बांट आते हैं। उनके लिए यह बहुत आवश्यक होता है, लेकिन जब छत्तीसगढ़ के युवा खिलाड़ी उनकी ही राजनीति के शिकार हो रहे हैं, तब इन खिलाड़ियों की मौत पर महज 4 लाख की सहायता राशि दी जा रही है। यह घोर निंदनीय है।