सफलता की कहानी: कुआं निर्माण से कृषक के जीवन में आया आर्थिक बदलाव, साग सब्जी की दूसरी फसल से बढ़ा कमाई का जरिया

October 21, 2021 Off By Samdarshi News

मनरेगा से किसानों को हितग्राही मूलक कार्याें से लाभांवित कर ग्रामीणों को दिया जा रहा मानव दिवस रोजगार, मानव दिवस मिलने से आमदनी में हो रही है वृद्धि

सूरजगढ़ निवासी किसान सागर ने अपने खेत में कुंआ निर्माण करा कर आर्थिक स्थिति में लाए बदलाव, सिंचाई की र्पाप्त उपलब्धता होने से प्रतिवर्ष अब कमा रहे 40 हजार रुपए

जशपुर. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत जिले में चल रहे हितग्राही मूलक कार्यो से एक ओर किसानों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। वहीं श्रमिकों को भी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने में कारगर साबित हो रही है। कोविड-19 के दौरान अपने ही गांव में किसानों को कुंआ, डबरी, तालाब जैसे कई योजनाओं से लाभांवित कर उनके खेतों में पानी की सुविधा उपलब्ध कराई गई जिससे वे वर्ष में एक से अधिक फसल लेकर अपने आर्थिक स्थिति में सुधार ला सके।

इसी कड़ी में उक्त योजना के स्वीकृत होते हुए मानव दिवस से भी कई ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराया गया। जिससे उनका परिवार कोविड-19 के दौर में भी अपने परिवार को हर जरूरत की चीजें उपलब्ध करा पाने में सफल रहे। जिले के विकासखंड पत्थलगांव के सूरजगढ़ निवासी 56 वर्षीय श्री सागर पिता चंदन की जिंदगी को कुंआ निर्माण ने एक नई दिशा दी है। उसके जीवन-यापन के साधनों को सशक्त कर आर्थिक उन्नति के पथ प्रशस्त किा है। अब वे लगभग 40 हजार रूपे की वार्षिक आमदनी प्राप्त कर रहे है। मनरेगा योजना अंतर्गत वर्ष 2019-20 में 2.35 लाख की लागत से किसान श्री सागर के खेत पर कुंआ का निर्माण हुआ।

कुंआ बनने से पूर्व खेती के लिए किसान श्री सागर को केवल बरसात के पानी पर ही निर्भर रहना पड़ता था एवं वर्ष में केवल एक ही फसल ले पाते थे। सिंचाई साधन न होने के कारण उसके बाड़ी में साग-सब्जी का उत्पादन भी संभव नहीं था, वह चाहकर भी अतिरिक्त आय उपार्जित नहीं कर पा रहा था परंतु आज उसकी जमीन पर कुऑ बनने से सिंचाई की समस समाप्त हो गई है। किसान श्री सागर द्वारा अपने खेत में रबी फसल एवं बाड़ी मे साग-सब्जी का उत्पादन किा जा रहा है। अभी वर्तमान में किसान श्री सागर द्वारा अपनी बाड़ी में टमाटर, आलू, पज भाजी, सेमी, लहसुन, धनिया इत्यादि सब्जिों की खेती की है। जिसका उपयोग वह स्वयं अपने उपभोग के साथ ही स्थानीय बाजार में विक्रय के लिए कर रहा है। स्थानीय बाजारों में ताजी सब्जियों की मांग के कारण उसकी सब्जियों का विक्रय आसानी से हो जाता है।

जिससे उसे लगभग 30 हजार की वार्षिक लाभ हो रही है एवं खरीफ फसल के सम भी धान सहित अन्य फसलों से भी लगभग 10 हजार तक का लाभ मिल जा रहा है। इस तरह किसान सागर के कुंआ बनने से साल भर में लगभग 40 हजार तक का आमदनी मिल रहा है और उसकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है। किसान श्री सागर ने महात्मा गांधी नरेगा योजना से कुआं निर्माण हेतु जिला प्रशासन को धन्यवाद देते हुए कहा कि मनरेगा से निर्मित कुंआ से निश्चित ही उसकी आजीविका में बढ़ोत्तरी हुई है और उसे परिवार में आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। उसने कहा कि महात्मां गांधी नरेगा से उसके साथ ही गांव के अन्य ग्रामीणों को रोजगार प्राप्त हुआ है।