जशपुर कलेक्टर ने साप्ताहिक समय सीमा की ली बैठक, धान खरीदी के लिए किसानों को 31 अक्टूबर तक पंजीयन कराने के लिए कहा

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स्व सहायता समूह की महिलाओं को आजीविका से जोड़ने के लिए वर्षवार कलैण्डर तैयार करें, सीजन एवं मांग अनुसार प्रशिक्षण देकर सामग्री बनवाएं

हाथों से बनाई गई सामग्री को विक्रय कराने के लिए बाजार भी उपलब्ध कराना होगा

कार्य की धीमी प्रगति पर पीएचई के कार्यपालन अभियंता को नोटिस जारी

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो,

जशपुर. कलेक्टर रितेश कुमार अग्रवाल ने आज कलेक्ट्रोरेट सभाकक्ष में साप्ताहिक समय सीमा की बैठक लेकर विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की। उन्होंने सभी अधिकारियों को शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं को जमीनी स्तर पर बेहतर क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि आम नागरिकों तक योजनाएं समय पर पहुंचे ऐसे व्यवस्था सुनिश्चित करें। उन्होंने नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी योजना की समीक्षा करते हुए गौठानों को मल्टीएक्टीविटी के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए हैं साथ ही समूह की महिलाओं को ऐसे अजीविका से जोड़ना होगा जिससे उनकी स्थानीय स्तर पर सामग्री भी प्राप्त हो सके, विक्रय भी हो सके और आर्थिक लाभ भी प्राप्त कर सकें।

इसके लिए सभी जनपद सीईओं अपने विकासखंड के 5-5 गौठानों को सक्रिय गौठानों के रूप में संचालित करने और क्षेत्र में समूह की मांग, उनकी रूचि, स्थानीय स्तर पर मिलने वाली सामग्री का उपयोग और उन्हें उचित बाजार मिल सके इसी आधार पर प्रस्ताव बनाकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने पीएचई के कार्यपालन अभियंता से जल जीवन मिशन के कार्यो की जानकारी ली और धीमी प्रगति पर नाराजगी जाहिर करते हुए संबंधित अधिकारी को कारण बताओं नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं। राजस्व अधिकारियों को धान खरीदी के लिए किसानों का पंजीयन 31 अक्टूबर तक अनिवार्य रूप से करने के लिए कहा है। साथ ही सत्यापन के कार्यो में भी प्रगति लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी पात्र किसान धान बेचने से वंचित न होने पाए इसके लिए कोटवारों के माध्यम से मुनादी कराने के लिए भी कहा गया है।

कलेक्टर ने कहा कि महिलाओं को गौठानों से अधिक लाभ हो सके इसके लिए उन्हें खाद बनाने के साथ ही अन्य गतिविधियों से जोड़ना होगा। इसके लिए वर्षवार कलैण्डर तैयार कर लें और सीजन के अनुसार महिलाओं को सामग्री बनाने के लिए तैयार करें। स्थानीय स्तर पर सामग्री की मांग रहती हो उन चीजों को भी कलैण्डर में शामिल करने के निर्देश दिए हैं। जैसे दीपावली में दीया बनाना, बांस के कैंण्डल बनाना, होली में रंग-गुलाल बनाना, रक्षाबंधन में राखी बनाना, क्रिसमस में बांस के कैण्डल के दीया बनाना आदि अन्य त्यौहार के मांग के अनुसार भी सामग्री तैयार कराई जा सकती है। गौठानों में चारागाह को विकसित करके साग-सब्जी का भी अच्छा उत्पादन करवाने के लिए कहा है। ताकि स्थानीय लोगों को उसका लाभ मिल सके। इस अवसर पर वनमण्डलाधिकारी कृष्णा जाधव, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के.एस.मण्डावी, अपर कलेक्टर आई.एल.ठाकुर, सभी एसडीएम सहित जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

कलेक्टर ने पुशपालन अधिकारी को गौठानों के चारागाह को विकसित करने के निर्देश दिए हैं और सभी सक्रिय गौठानों में पानी की भी सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है। उन्होंने क्रेड़ा विभाग के अधिकारी से अब तक गौठानों में स्वीकृत और लंबित सोलर पम्प की जानकारी ली और जनपद सीईओ के माध्यम से किसानों को भी योजना का लाभ देने के निर्देश दिए हैं। बाड़ी विकास योजना के तहत् उन्होंने कहा कि वन पट्टाधारी किसानों को भी योजना का लाभ दें। 05 से 03 एकड़ भूमि का चयन करके सामुदायिक बाड़ी के माध्यम से किसानों को लाभांवित करें। उन्होंने ग्राम पंचायतों में सरपंच, सचिवों के माध्यम से भी गौठानों में पैरादान के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कहा है। ताकि पशुओं को चारे की सुविधा उपलब्ध हो सके। कृषि अधिकारी को जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में किसानों को धान बीज, मिनी कीट का वितरण करवाने के निर्देश दिए हैं साथ ही विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा और बिरहोर परिवार के किसानों को भी कीट का वितरण करने के लिए कहा गया है।

उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी अपने विभागीय योजनाओं का बैनर, पोस्टर के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार करें ताकि आम जनता को योजना की जानकारी हो सके। उन्होंने कहा कि लाख उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है साथ ही लीड बैंक अधिकारी को शिविर लगाकर किसानों का केसीसी बनाने और लोन स्वीकृत करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर आम और ईमली पर्प्यात मात्रा में पाया जाता है। महिलाओं को प्रशिक्षण दे करके आचार, अमचूर, ईमली की सामग्री बनवा करके अच्छी पैंकिंग करके विक्रय किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि 1 नवम्बर को राज्योत्सव के अवसर पर सभी विभागों की विभागीय योजनाओं से संबंधित स्टॉल लगाया जाना है। इसके लिए तैयारी प्रांरभ कर दें।  

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