बस्तर जिले के जगदलपुर बकावंड और लोहण्डीगुड़ा विकासखण्ड में ज्ञानदीप कार्यक्रम का शुभारंभ

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699 स्कूलों के 35 हजार से अधिक विद्यार्थियों को मिलेगा लाभ

यूनिसेफ के सहयोग से पहली और दूसरी कक्षा के बच्चों की समझ बढ़ाने के लिए जिला प्रशासन की पहल

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जगदलपुर

बस्तर जिले के जगदलपुर, बकावंड, और लोहण्डीगुड़ा विकासखण्ड के 699 स्कूलों में यूनिसेफ के सहयोग से ज्ञानदीप कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इसका लाभ इन तीनों विकासखण्डों के 35 हजार 862 बच्चों को प्राप्त होगा।

जिला कार्यालय के प्रेरणा कक्ष में आयोजित शुभारंभ कार्यक्रम के अवसर पर कलेक्टर श्री चंदन कुमार, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री प्रकाश सर्वे, यूनिसेफ की शिक्षाविद् श्रीमती छाया कुंवर, जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमती भारती प्रधान, जिला मिशन समन्वयक श्री अखिलेश मिश्रा, डाइट के प्राचार्य श्री सुभाष श्रीवास्तव, समग्र शिक्षा प्रभारी श्री राजेश त्यागी सहित शिक्षा विभाग के विकासखंड और संकुल स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

कलेक्टर श्री चंदन कुमार ने इस अवसर पर कहा कि छोटे बच्चों के सीखने की अधिक क्षमता को देखते हुए अधिक से अधिक ज्ञान दिया जाना चाहिए। उन्होंने भाषा के ज्ञान पर जोर देते हुए कहा कि, जिन बच्चों को भाषा का अच्छा ज्ञान होता है, वे ही भौतिक एवं गणित जैसे विषयों में रुचि ले पाते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों की शिक्षा का आधार प्राथमिक शिक्षा है। यह जितनी मजबूत होगी, बच्चे के ज्ञान का स्तर इतना अधिक होगा। बच्चे को छः वर्ष की उम्र में न केवल पढ़ना आना चाहिए, बल्कि वह जो पढ़ता है, उसे भी समझना चाहिए। ज्ञानदीप कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों की समझदारी को बढ़ाने का कार्य किया जाएगा तथा इसके लिए शिक्षकों को मार्गदर्शन और प्रशिक्षण दिया जाएगा।

जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री प्रकाश सर्वे ने कहा कि आज की तुलना में पहले शिक्षा प्राप्त करना अत्यंत कठिन था। आज शिक्षा सर्वसुलभ होने के साथ ही सरल भी हो रही है। बच्चों की समझदारीपूर्ण ज्ञान देने का यह प्रयास निश्चित तौर पर सफल होगा।

यूनिसेफ की शिक्षाविद् श्रीमती छाया कुंवर ने बच्चों की बुनियादी शिक्षा को मजबूत करने की प्रबल इच्छाशक्ति के लिए बस्तर जिला प्रशासन की सराहना करते हुए कहा कि यूनिसेफ द्वारा इसके लिए निरंतर सहयोग प्रदान किया जाएगा। उन्होंने बच्चों के प्रगति पर निरंतर निगरानी पर भी जोर दिया।

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