खुद आपस में कर रहे लत्तम जुत्तम और खुद ही थाने में कर रहे शिकायत, पत्रकारों के समर्थन में उतरे गणेश राम भगत ने कह दी ऐसी बात कम्युनिटी हॉल में कबड्डी टूर्नामेंट हुआ और पत्रकारों ने सच्चाई प्रकाशित की, खुद सिर फुटव्वल किये तो छपा, छपा तो पेट दर्द क्यों..?
स्थानीय आदिवासी जनता के विरोध के बाद उद्योगो की स्थापना का प्रयास बर्दाश्त नही किया जायेगा, होगा निरंतर विरोध
समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो,
जशपुर. अखिल भारतीय जनजातीय सुरक्षा मंच जशपुर के नेतृत्व में दिनांक 27 अक्टूबर बुधवार को बगीचा में प्रस्तावित टागरगांव स्टील प्लांट, ग्राम सरडीह में प्रस्तावित एथेनॉल प्लांट एवं अन्य विषयों को लेकर हजारों की संख्या में उपस्थित होकर एक दिवसीय विशाल रैली एवं आम सभा का आयोजन किया गया।
सभा में एक ओर गणेश राम भगत ने जहां जशपुर जिले में प्रस्तावित उद्योगों और भ्रष्टाचार के विरुद्ध जमकर आग उगली वहीं कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए अपनी बात कही। श्री भगत ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली और लोगों ने बताया भी कि जशपुर के कम्युनिटी हॉल में कबड्डी टूर्नामेंट हो रहा था। कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि खुद ही लत्तम जुत्तम किया और खुद सिर फुटौवल किया गया और जब मीडिया ने खबर प्रकाशित की तो पत्रकारों के विरुद्ध थाने में शिकायत करने पहुंच गए। आखिर खबर प्रकाशित होने व घटना के बाहर आने से कांग्रेस के पेट में दर्द क्यों हो रहा है ?
पत्रकारों के समर्थन में खुलकर उतरते हुए गणेश राम भगत ने कहा कि यदि पत्रकारों के विरुद्ध किसी भी प्रकार की कानूनी कार्यवाही की जाती है तो जनजातीय सुरक्षा मंच के द्वारा इससे भी अधिक हजारों हजारों की संख्या में स्टील प्लांट के विरोध की तरह विरोध प्रदर्शन कर कांग्रेस को बताया जाएगा और ऐसी सरकार को हटाना अब जरूरी हो गया है।
सभा को गणेश राम भगत सहित राम प्रकाश पांडे व अन्य प्रतिनिधियों ने भी सम्बोधित किया, जिसके बाद राज्यपाल के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा गया।
ज्ञापन के संदर्भ में जानकारी देते हुए सामाजिक कार्यकर्ता रामप्रकाश पांडे ने कहा कि ज्ञापन में बताया गया कि छत्तीसगढ़ प्रदेश का जशपुर जिला सम्पूर्ण रूप से भारत के संविधान की पाँचवी अनुसूची में शामिल है। कारणवश जिले में पेशा अधिनियम प्रभावशील है। ऐसी स्थिति में जिले में किसी भी प्रकार के कार्य के पूर्व संबंधित ग्राम सभा का प्रस्ताव लिया जाना है बल्कि अनिवार्य भी है। कारण से जिले में निवासरत 60 प्रतिशत से भी अधिक प्रकार के जनजातीय समुदायों के हितों की रक्षा का दायित्व महामहिम को है। जिला प्रशासन को उपरोक्त संबंध में जानकारी होने के बावजूद उक्त संवैधानिक प्रावधान का उल्लंघन करते हुए बगैर ग्राम सभा के प्रस्ताव एवं अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त किये हुए जिले के ग्राम टासह में उद्योग स्थापित करने का प्रयास नियमों के विरुद्ध ढंग से किया जा रहा है, इसके अलावा जशपुर जिले की सीमा पर स्थित ग्राम सिलसीला एवं चिरगा जिला सरगुजा में भी उद्योग स्थापित किया जा रहा है।
उक्त संबंध में ज्ञात हो कि उपरोक्त सभी उद्योग एक ही व्यक्ति एवं कम्पनी मां कुदरगढ़ी स्टील प्लांट के द्वारा स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है, इस संबंध में उच्च स्तरीय समिति का गठन कर पेसा कानून उल्लंघन करने के संबंध में जांच कर कार्यवाही किया जाना उचित होगा। उक्त संबंध में ग्राम टांगरगाव में स्टील प्लांट स्थापना के संबंध में दिनांक 4 अगस्त 2021 को जन सुनवाई का आयोजन विधि विरूद्ध ढंग से पर्यावरण विभाग के द्वारा आयोजित किया गया था, जिसके विरोध में दिनांक 11 जुलाई 2021 से अखिल भारतीय जनजातीय सुरक्षा मंच प्रभावित ग्राम पंचायत के हजारों लोगों की उपस्थिति में ग्राम टांगरगांव से निरन्तर आन्दोलन जारी है, जिसे देखते हुए जिला प्रशासन जशपुर के द्वारा उक्त प्रस्तावित जन सुनवाई को स्थगित किया गया है किन्तु आज पर्यन्त तक मां कुदरगढी स्टील प्लाट योजना को निरस्त नहीं किया गया है। कारणवश आज दिनांक 27 अक्टूबर 2021 को ग्राम बगीचा में हजारों की संख्या में ग्रामीण उपस्थित होकर विशाल रैली एवं आम सभा कर यह ज्ञापन अनुविभागीय दाधिकारी के माध्यम से महामहिम राज्यपाल को प्रेषित कर रहे हैं और निवेदन करते हैं कि निम्नलिखित मागो पर गम्भीरतापूर्वक विचार करते हुए उचित कार्यवाही करने की कृपा करेंगे।
यह है मांगे-
1. ग्राम टांगरगाव तहसील कांसाबेल में प्रस्तावित मा कुदरगढ़ी स्टील प्लाट योजना एवं ग्राम सरडीह तहसील बगीचा जिला जशपुर में प्रस्तावित मां कुदरगड़ी एथेनॉल प्लाट के संबंध में पेसा कानून का उल्लंघन करते हुए जिला प्रशासन के सहयोग से चलाई जा रही योजना को तत्काल निरस्त करते हुए उक्त संबंध में संबंधित ग्राम सभा द्वारा पारित प्रस्ताव के अनुरूप कार्य करने हेतु जिला प्रशासन को निर्देशित करें।
2. जशपुर जिले के प्राकृतिक सौन्दर्य का संरक्षण करते हुए ग्राम सन्ना पण्डरापाठ क्षेत्रों में प्रस्तावित बॉक्साइड उत्खनन की योजना को भी तत्काल निरस्त करते हुए उक्त क्षेत्रों में सघन वृक्षारोपण कर क्षेत्र को पर्यटकों हेतु उचित संसाधन उपलब्ध कराकर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए।
3 जशपुर जिले के प्राकृतिक, सांस्कृतिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए जिले को ग्रीनबेल्ट घोषित करते हुए जिले को भारत के पर्यटन मानचित्र में शामिल करने का निर्देश दिया जाए।
4. जशपुर जिले के बगीचा एवं सन्ना तहसील क्षेत्र में निवासरत अत्यन्त पिछडी जनजाति एवं राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र पहाड़ी कोरवाओं के सैकड़ों एकड़ कृषि भूमि को दलालों के द्वारा चोरी छिपे छलकपट कर दूसरे के नाम रजिस्ट्री करा लेने के संबंध में उच्च स्तरीय जांच कमेटी बनाकर पहाड़ी कोरवाओं को उनकी कृषि भूमि वापस कराया जाए तथा पहाड़ी कोरवा एवं बिरहोर जनजाति के पैतृक कृषि भूमि का योजना बनाकर सीमांकन कर उनके जमीन के दस्तावेज अपडेट कराने तथा उन्हें दस्तावेज उपलब्ध कराया जाए, साथ ही उनके आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षणिक स्तर सुधारने हेतु प्रशासनिक स्तर पर उचित पहल किया जाए।
5. जशपुर जिला के सन्ना तहसील के ग्राम मरकोना एवं मट्ठा में एक वर्ष पूर्व विभाग के द्वारा मनरेगा के तहत मिट्टी बांध के गुणवत्ता विहीन कार्य एवं भ्रष्टाचार के कारण बह जाने के संबंध में संबंधित लोगों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज हो के बहने से उसके आस पास के किसानों के खेत में पानी एवं मिट्टी भर जाने से उन्हें हुए आर्थिक नुकसान का मुआवजा तत्काल दिया जाए।
6. जशपुर जिला चिकित्सालय में पिछले दो वर्षों में कोराना काल में जिले के नागरिकों के स्वास्थ्य के संबंध में प्राप्त राशि से लगभग 12 करोड़ रुपये की राशि का भ्रष्टाचार होने तथा उक्त संबंध में जांच कमेटी के द्वारा संबंधित सिविल सर्जन आर एम एवं अन्य कर्मचारियों को दोषी पाये जाने के बावजूद उनके विरुद्ध आज पर्यन्त तक कोई कार्यवाही नहीं किये जाने से जिले के जनता में आक्रोश है उक्त संबंध में दोषियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराया जाए।
7. जशपुर जिला मुख्यालय में संचालित दिव्यांग प्रशिक्षण केन्द्र में अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग की नाबालिक मुकबधिर दिव्यांग बालिकाओं के साथ दिनांक 22 सितम्बर 2021 को उनके ही केयर टेकर एवं चौकीदार के द्वारा बलात्कार एवं छेड़छाड़ की घटना की गयी है जो जशपुर जिले को कलंकित करता है उक्त संबंध में अन्य संबंधित आरोपियों के विरुद्ध भी कानूनी कार्यवाही की जाए पीडित दिव्यांग छात्राओं को उनके उचित भविष्य हेतु 25-25 लाख रुपये का मुआवजा दिलाया जाए।
8. जशपुर जिले के बगीचा तहसील के ग्राम पेटा में विलुप्त प्राय एवं बहुमूल्य प्रजाति के पेड़ो को काटकर लगभग 5 एकड में स्थित जंगल को उजाड़कर बनाये जा रहे नागरिक आपूर्ति निगम के गोदाम की जांच हो तथा दोषियों के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही किया जाए।
9. जशपुर जिला के ग्राम कुदमुरा में सिचाई विभाग के द्वारा 16 करोड़ के बने गुणवत्ता विहीन बांध की जांच कर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही किया जाए।
10. जशपुर जिले को दलाली में स्थानीय किसानों को कृषि कार्य हेतु शासकीय पट्टे पर दी गयी भूमि एवं उद्योगपतियों के द्वारा विधि विरूद्ध ढंग से खरीदे जाने के संबंध में उच्च स्तरीय जांच किया जाकर संबंधित भूमियों को राज्य सरकार में निहित किया जाए।
11. जशपुर जिले के सीमा पर स्थित बोहगाव शेखरपुर यूहद जलाशय योजना जिससे लगभग 12 गांव के लोग प्रभावित होग , उक्त योजना को निरस्त किया जाए ।
12. जिले में अत्यंत पिछड़ी जनजाति कोखा को पहाड़ी कोरवा एवं दिहाड़ी कोरवा दो वर्गों में बाटकर किये जा रहे भेद को समाप्त कर सभी को कोरवा जनजाति के रूप में मान्यता दिया जाये ।
13. जिले में दिहाड़ी कोरवा, संसरिया उरांव, किसान नगसिया जनजाति के लिपिकीय त्रुटि को समाप्त कर उन्हें उनकी जाति का प्रमाण पत्र दिया जाये।
इसके अतिरिक्त अन्य स्थानीय मांगे भी मंच के द्वारा रखी गई।