जशपुर जिला में सुशासन सप्ताह 2022 मनाया गया : कलेक्टर ने कहा प्रशासन गांव तक पहुंचकर लोगों से मिलकर उनकी समस्या सुनेंगे

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75 साल के बाद राज्य जिला और गांव आधुनिक तकनीक से परिपूर्ण हो जाएगे

पहले और आज के दौर में स्कूल कॉलेज पूल पुलिया बिजली और संचार क्रांति में चहुंमुखी विकास हुआ है

1980 और 1999 में पदस्थ कर्मचारियों और अधिकारियों ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि पहले और आज के दौर में क्या क्या परिवर्तन हुआ है

कर्मचारियों ने बताया कि पहले महत्वपूर्ण संदेश को पहुंचाने में 15 से 20 दिन लग जाता था

संचार क्रांति के दौर में बदलाव होने से अपने संदेश को त्वरित लोगों तक पहुंचा पा रहे हैं

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

जशपुरनगर : कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल ने शुक्रवार को कलेक्टोरेट सभाकक्ष में सुशासन सप्ताह 2022 के अवसर पर प्रशासन गांव की ओर के संबंध में बैठक ली। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री आई.एल.ठाकुर, डिप्टी कलेक्टर श्री बालेश्वर राम, डिप्टी कलेक्टर श्री प्रशान्त कुशवाहा, विभाग के अधिकारी और कर्मचारीगण उपस्थित थे।

कलेक्टर ने कहा कि प्रशासन गांव की ओर के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि लोगों की आवेदन का समय पर निराकरण करने के लिए और उनकी समस्याओं का त्वरित निदान करने के उद्देश्य से प्रशासन गांव की ओर जा रहा है। इसका उद्देश्य है कि जिला स्तर के अधिकारीगण गांव में पहुंचकर उनकी पानी, बिजली, राशनकार्ड, पेंशन और अन्य समस्याओं को सुनें साथ ही प्राथमिकता से निराकरण करें, ताकि आम लोगों सीधे प्रशासन से जुड़कर अपनी बात रख सकें।

कलेक्टर ने आगामी 75 साल राज्य जिले और गांव की विकास की परिकल्पना के संबंध में अधिकारियों और कर्मचारियों से उनके राय जाने। बैठक में पुराने अधिकारियों को कर्मचारियों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए बताया कि पहले और आज के दौर में राज्य, जिले और गांव में विकास हुआ शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़कों, पूल-पूलिया, बिजली, पानी की भी लोगों को सुविधाएं मिलने लगीं हैं। 1981, 1990, 1998 और 1999 में कलेक्टर कार्यालय में पदस्थ कर्मचारियों ने बताया कि पहले आवागमन के साधन कम थे। स्कूल पर्याप्त नहीं थे। सड़कें चौड़ी नहीं थी। किसी भी डाक को पहुंचाने और भेजने में 15 से 20 दिन का समय लग जाता था। संचार तकनीकी नहीं होने के कारण महत्वपूर्ण डाक और संदेश को लोगों तक पहुंचाते में दिक्कत जाती थी। लेकिन आज के दौर में बच्चों के लिए पर्याप्त स्कूल, कॉलेज, आश्रम-छात्रावास, मेडिकल कॉलेज,  इंजिनियर कालेज इन्टरनेट, ई-मेल, वाट्सअप और ट्विटर, इंस्टाग्राम आ जाने से लोग अपने संदेश को आसानी से आदान प्रदान कर पा रहे हैं और शिक्षा का स्तर में सुधार हुआ। आवागमन के पर्याप्त साधन होने से लोगों को सुविधा मिलने लगीं है।

कर्मचारियों ने बताया कि 75 साल की अगर परिकल्पना करें तो संचार क्रांति का और विकास होगा। शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पूल-पूलिया का विकास से लोगों को अधिक सुविधा मिलने लगेगी।

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