फरसाकानी स्कूल का शतवर्षीय जुबली समारोह सम्पन्न : शिक्षा के बिना अज्ञानता दूर नहीं किया जा सकता है – बिशप इम्मानुएल

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समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, कुनकुरी

आरसीडी  प्राथमिक शाला फरसाकानी के स्थापना के सौ वर्ष पूरे होने पर शतवर्षीय जयंती समारोह, स्कूल प्रांगण में धूमधाम से सम्पन्न कराया गया।  धार्मिक विधान के अतिरिक्त जुबली स्मारिका का विमोचन एवं सांस्कृतिक कार्यक्र्म  आयोजित किया गया। पवित्र मिस्सा के मुख्य अनुष्ठाता जशपुर धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष एम्मानुएल केरकेट्टा डी.डी. थे. तथा सहनुष्ठाता विकार जेनेरल फादर मुक्ति प्रकाश मिंज एवं पल्ली पुरोहित फादर मरियानुस खलखो रहे।  बिशप ने अपने संदेश  में कहा स्कूल के माध्यम से विश्वास, आस्था, चरित्र निर्माण तथा अच्छी शिक्षा प्रदान किया जाता है। शिक्षा द्वारा जीवन मे परिवर्तन होता है। शिक्षा के बिना अज्ञानता दूर  नहीं हो सकता है। शिक्षा द्वारा सामाजिक बुराइयों को दूर किया जा सकता है। आप वहीं पढ़ाये जहाँ अच्छी शिक्षा व संस्कार दिया जाता है। इस स्कूल ने तीन शहीदों को दिया और कितने ही लोगों का भविष्य उज्जवल किया है।  जुबली  पूर्वजों को श्रदांजली देने व  नए शुरुआत करने का समय होता है। आज  नयी सोच एवं नये योजना के साथ स्कूल को नए दिशा देने की आवश्यकता है। मसीह के जीवन का अनुकरण करना तथा उनके  आदर्श में  जीना चाहिए। एक व्यक्ति के बदलाव से समाज बदल जाता है।

मिस्सा  का शुभारंभ टाँगरपानी, भेलवांटोली एवं बेहराड़िप्पा गांव के नृत्य दल के संयुक्त प्रवेश नृत्य तथा अतिथियों के दीप प्रज्वलन से हुआ। बाइबल जुलूस  प्राथमिक शाला  तथा  चढ़ावा नृत्य मिडिल स्कूल फरसाकानी के छात्राओं द्वारा किया गया। प्रथम पाठ श्रीमती मरियाता एक्का एवं दूसरा पाठ श्री बरथोलोमी टोप्पो द्वारा पढ़ा गया। मिस्सा के पश्चात फादर मरियानुस खलखो ने आभार प्रकट किया।

समारोह के दूसरे चरण में  रंगारंग सांस्कृतिक कार्यकर्म सम्पन्न कराये गये। इसकी शुरुआत अतिथियों एवं स्कूल के भूतपूर्व शिक्षकों का स्वागत किया गया। शाला के स्टाफ, विद्यार्थियों तथा पल्लीवासिओं द्वारा अनेकों आकर्षक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। मंच का सफल संचालन श्रीमती सुषमा, श्री दया किशोर एक्का ने किया। जुबली जयंती समारोह को सफल बनाने में पल्ली पुरोहित फादर मरियानुस खलखो, फादर एग्नस तिग्गा, सिस्टर निशा, अध्यक्ष श्री दया किशोर एक्का, धर्मबहनें, स्कूल के स्टाफ, विद्यार्थी, शाला समिति, काथलिक सभा, महिला संघ, युवा संघ एवं क्रूसवीर बच्चों का अहम भूमिका रहा। इस जुबली समारोह में गणमान्य अतिथि, भूतपूर्व शिक्षक शिक्षिकाएं, भूतपूर्व विद्यार्थी, अन्य अतिथिगण, पुरोहितगण एवं समस्त पल्ली वासियों ने भाग लिया।

आरसीडी शाला का संक्षिप्त इतिहास:

सांस्कृतिक कार्यक्र्म के बीच में शाला का संछिप्त इतिहास श्री दया किशोर एक्का द्वारा पठन किय गया। आरसीडी शाला फरसाकानी की शुरुआत 1922 ई.  में फादर सिरिल वानडेन  दिरिस द्वारा फरसाकानी के बाँसटोली में किया गया। मिडिल स्कूल की शुरुआत 1981 ई. में हुआ। अब तक इस स्कूल से हजारों की संख्या में लोग पढ़कर विभिन्न क्षेत्र में अपना योगदान दे रहे हैं। इस स्कूल ने 3 शहीदों को देश सेवा हेतु जन्म दिया है। शहीद मार्टिन एक्का ख़रीझरिया, शहीद लियोस खेस बरंगजोर तथा शहीद अरविंद मिंज ख़रीझरिया ने इसी ्सकूल से अपनी पढ़ाई शुरू की थी।

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