अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस: स्कूल शिक्षा मंत्री द्वारा आन-डिमांड बहु-भाषा शिक्षण पर आनलाईन कोर्स का शुभारंभ

Advertisements
Advertisements

राज्य में भाषाई सर्वे के आधार बहु-भाषा शिक्षण की पठन सामग्री का विमोचन

बच्चों को उनकी स्थानीय भाषा में कहानियाँ सुनाने, पॉडकास्ट का उपयोग करने शिक्षकों का आन-डिमांड क्षमता संवर्धन कार्यक्रम

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर आदिवासी बच्चों की शिक्षा में सुधार के लिए विभिन्न कार्यक्रमों की शुरूआत की। उन्होंने जिला एवं विकासखंड स्तरीय अधिकारियों के लिए ऑनलाईन डिमांड बहु-भाषा शिक्षण के लिए ऑनलाईन कोर्स का शुभारंभ किया। राज्य में भाषाई सर्वे के आधार पर बच्चों को बहु-भाषा शिक्षण देने के लिए शिक्षकों के लिए पठन सामग्री का विमोचन किया। इसके साथ ही बच्चों को उनकी स्थानीय भाषा में कहानी सुनाने के लिए पॉडकास्ट का उपयोग करने शिक्षकों का ऑन डिमांड क्षमता संवर्धन कार्यक्रम का भी शुभारंभ किया।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल राज्य में स्कूली बच्चों को उनकी स्थानीय भाषा में शिक्षा देने की घोषणा की गई है। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम द्वारा इस कार्य की निरंतर समीक्षा की जा रही है। जिसके आधार पर मातृभाषा शिक्षण पर विभिन्न कार्य प्रारंभ किए गए हैं, इसका लाभ राज्य में आदिवासी अंचल के बच्चों को मिल रहा है। छत्तीसगढ़ पहला राज्य है जहां लैंग्वेज एंड लर्निंग फाउंडेशन (एल.एल.एफ.) और यूनिसेफ के सहयोग से भाषाई सर्वेक्षण का कार्य भी पूरा किया गया है। ऐसे में अब जब कक्षाओं में बच्चों को सीखने में स्थानीय भाषा का उपयोग किया जाना है, तो स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों के लिए ऑनलाईन कोर्स का शुभारंभ किया है। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम द्वारा सभी अधिकारियों से अपील की है कि वे इस कोर्स को अवश्य करें एवं शिक्षकों को स्थानीय भाषा में सीखने में सहयोग दें।

छत्तीसगढ़ पहला राज्य है जिसने बच्चों द्वारा बोली जाने वाली भाषा पर आधारित भाषाई सर्वे किया है। इस रिपोर्ट को समझने एवं स्कूलों में शिक्षकों को बहुभाषा संबंधी विभिन्न मुद्दों पर जानकारी देते हुए शिक्षण विधियों में आवश्यक सुधार लाने हेतु समग्र शिक्षा की ओर से सन्दर्भ सामग्री तैयार की गयी है। यह सामग्री प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों को उपलब्ध करवाई जाएगी।

राज्य में वर्तमान में शिक्षकों की एक टीम द्वारा प्रतिमाह चर्चा पत्र को पॉडकास्ट के रूप में प्रकाशित किया जाता है, जिसे शिक्षक बड़ी रूचि से सुनते हैं और उसमें कही गयी बातों को अपनी-अपनी कक्षा में लागू करने का प्रयास करते हैं। इसी कड़ी में कुछ विशेषज्ञ शिक्षकों, कुछ स्थानीय भाषा के जानकार शिक्षकों एवं कुछ बाह्य संस्थाएं जो इस कार्य में सहयोग देना चाहते हों, उनके साथ मिलकर विभिन्न स्थानीय कहानियों का संकलन, उन पर पॉडकास्ट बनाना, बाद में चयनित कुछ कहानियों का प्रिंट वर्जन भी साझा करना जैसे कार्य इस टीम के साथ मिलकर किए जाएंगे। इस कार्य के लिए इच्छुक लोगों की टीम सोशल मीडिया के माध्यम से बनायी जाएगी। इन पॉडकास्ट को स्कूलों में शिक्षकों द्वारा मोबाइल, प्राथमिक शालाओं में उपलब्ध स्पीकर आदि का उपयोग कर इस्तेमाल में लाया जा सकेगा। इस पॉडकास्ट को सुनकर बच्चे अपने संस्कृति, इतिहास एवं परंपराओं को जानकार आत्म गौरवान्वित हो सकेंगे।

पॉडकास्ट निर्माण में तकनीकी समर्थन, इनके कक्षाओं में उपयोग हेतु उपकरण की आवश्यकता के आधार पर मांग एवं समर्थन हेतु “विद्यांजली” पोर्टल पर भी इसे अपलोड किया जाना प्रस्तावित है। स्कूली शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने स्थानीय भाषा के जानकार शिक्षकों, समुदाय के सक्रिय बड़े-बुजुर्गों, तकनीकी रूप से सक्षम शिक्षकों को पॉडकास्ट तैयार करने में सहयोग देने एवं सभी अधिकारियों को इस ऑनलाईन कोर्स को गंभीरतापूर्वक करने की अपील की है।

Advertisements
Advertisements
error: Content is protected !!