गौ तस्करों के कब्जे से छूटे 25 गौवंश, चारा पानी के लिये हुए मोहताज, क्या होगा इनका भविष्य ? गौरक्षकों को निभाना होगा गौपालक का भी दायित्व

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नव वर्ष का पावन अवसर भी इनकों दुर्दशा से नही दिला पा रहा मुक्ति

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, कुनकुरी/जशपुर

कुनकुरी : तस्वीरें देख कर अनुमान लगया नही लगाया जा सकता है कि इन गौ वंश के अर्न्तमन में क्या चल रहा होगा ? इन गौवंश को कत्लखाने जाने से तो बचा लिया गया है लेकिन भूखे मरने से कैसे बचेंगें ये गौवंश ? अपनी दुर्दशा को मूक पशु व्यक्त भी नही कर पा रहे है और ये अपने जान बचने की खुशी मनाये या भूखे मरने का गम। हिन्दू नववर्ष का प्रथम दिन भी मवेशी तस्कारों से छुडाये गये इन गौवंश को चारा भी नसीब नही करा पा रहा है। तथाकथित गौ रक्षक भी तस्करों से गौवंश छुडाने के बाद अपना दायित्व पूर्ण मान लेते है, छुड़ाये गये मवेशियों का क्या होगा भविष्य ? इसकी चिंता कौन करेगा ?

बता दे की हिन्दू नव वर्ष की पूर्व संध्या को 25 गौवंश को दो तस्करों के कब्जे से गौ रक्षकों द्वारा पुलिस में शिकायत कर छुड़ाया गया था। जिसके बाद पुलिस को दोहरी जिम्मेदारी उठानी पड़ रही है। एक ओर गो तस्करों पर कार्यवाही तो दुसरी ओर गौवंश की देखभाल और चारे की व्यवस्था। अपने सीमित संसाधनों में पुलिस गोवंश के लिये चारा पानी की व्यवस्था जैसे तैसे कर रही है लेकिन आगे इन गौ वंश का क्या होगा सवालो के घेरे में है।

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