2023 में कांग्रेस की सरकार बनेगी अब की बार 75 पार, संभागीय सम्मेलन, विधानसभावार  प्रशिक्षण, सरकार की योजनाओ से हमारी मजबूत जमीन तैयार – मोहन मरकाम

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समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि संभागीय सम्मेलनो से कांग्रेस की मजबूत जमीन तैयार हो रही है। अभी तक हमोर तीन संभागीय सम्मेलन बस्तर, बिलासपुर, दुर्ग संभाग के हो चुके है। रायपुर और सरगुजा संभाग के बाद कांग्रेस का विधानसभावार प्रशिक्षण और संकल्प शिविर होगा। 2023 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से कांग्रेस की सरकार बनेगी। आने वाले चुनाव में कांग्रेस सरकार के काम और जनकल्याणकारी योजनायें कांग्रेस सरकार का ब्रह्मास्त्र होगी। भाजपा के पास कांग्रेस का मुकाबला करने के लिये कोई मुद्दा नहीं है। भाजपा हवाहवाई और काल्पनिक मुद्दों पर प्रदेश में राजनीति करना चाह रही जिसके कारण वह जनता से और दूर होते जा रही है। 2018 के विधानसभा चुनाव में दो तिहाई बहुमत से सरकार बनाने के बाद कांग्रेस के प्रति जनता का भरोसा और बढ़ते गया, 5 उपचुनाव, नगरीय निकाय चुनाव, पंचायत चुनावों में जनता ने भाजपा को नकार दिया है। भाजपा कार्यकर्ताओं में हताशा है, कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्साह है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि आने वाले चुनाव में कांग्रेस के पास बताने के लिये अपने सरकार के गौरवशाली जनहित के काम है। हमारी सरकार ने अपने जन घोषणा पत्र के 95 प्रतिशत वायदों को पूरा किया है। छत्तीसगढ़ में भाजपा मुद्दविहीन है। इसके विपरीत कांग्रेस के पास अपनी सरकार के साढ़े चार सालों के काम की लंबी फेहरिस्त है। 400 यूनिट तक बिजली बिल आधा किया। स्वामी आत्मानंद स्कूल, गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, राजीव गांधी ग्रामीण कृषि मजदूर न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, दाई दीदी क्लिनिक, हाट बाजार क्लिनिक, मुख्यमंत्री शहरी स्वास्थ्य योजना, मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सुविधा योजनाओं से प्रदेश के आम आदमी का भरोसा कांग्रेस के प्रति बढ़ा है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि जनता, कांग्रेस सरकार बनाम भाजपा के 15 साल की तुलना कर रही है। भाजपा ने 2003 में आदिवासियों को 10 लीटर दूध वाली गाय देने का वायदा किया था, हर आदिवासी परिवार से एक को सरकारी नौकरी का वायदा किया था, पूरा नहीं किया। कांग्रेस सरकार ने आदिवासियों से किये वादों को पूरा किया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने चार साल में आदिवासी वर्ग के शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य के एवं कानूनी अधिकार के लिये अनेको कार्य किया। बस्तर क्षेत्र में आदिवासी के वर्ग शिक्षा के लिए 300 से अधिक बंद स्कूलों को खोला गया। नक्सलवाद को खत्म करने के लिए विश्वास, विकास और सुरक्षा के नीतियों के तहत काम किया गया। रमन सरकार के दौरान दस गांवों के 1707 आदिवासी परिवार से छीनी गई 4200 एकड़ जमीन को लौटाई गई, जेल में बंद निर्दोष आदिवासियों को जेल से मुक्त कराया गया।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि तेंदूपत्ता का मानक दर 2500 रु से बढ़ाकर 4000 रु प्रति बोरा किया गया, 65 वनोपज की समर्थन मूल्य में खरीदी की गई, चरणपादुका खरीदने नगद राशि दी गई, बस्तर में मक्का प्रोसेसिंग प्लांट लगाया गया। 24827 व्यक्तिगत 20,000 से अधिक सामुदायिक व 2200 वन संसाधन पट्टे वितरित किए गए, 16 लाख से अधिक हेक्टर भूमि आदिवासी वर्ग को वितरित किया गया है। 4,38,000 से अधिक व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र वितरित किया गया। 44,300 से अधिक सामुदायिक वन अधिकार पत्र वितरित किया गया। 2175 से अधिक वन संसाधन अधिकार ग्राम सभा को प्रदान की गई। मिलेट मिशन शुरू किया गया और बस्तर के वनोपज को देश-विदेश तक पहुँचाया गया। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से धान, गन्ना, मक्का, कोदो, कुटकी, रागी, मक्का, दलहन-तिलहन, फलदार वृक्ष, सब्जी लगाने वाले आदिवासी किसानों को 10,000 रू. प्रति एकड़ इनपुट सब्सिडी दी जा रही है। 85 विकास खंडों में वनों उपज प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना के लिए आठ करोड 50 लाख रुपए प्राधिकरण मद से दिया गया। बिजली बिल हाफ की सुविधाएं। सिंचाई कर माफ किया गया।

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