जशपुर जिले के ग्राम दुलदुला में छत्तीसगढ़ पंचायत नेटवर्क सीजी पंच की बैठक हुई आयोजित : कलेक्टर ने सरपंचों को बच्चों और महिलाओं के पोषण पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा
July 19, 2023सरपंच आंगनबाड़ी और स्कूलों का समय-समय पर निरीक्षण कर बच्चों और महिलाओं के समस्याओं से रूबरू हो-यूनिसेफ चीफ जॉब जकारिया
समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर
दुलदुला विकासखण्ड के जनपद पंचायत सभाकक्ष में आज छत्तीसगढ़ शासन एवं यूनीसेफ की साझा कार्यक्रम छत्तीसगढ़ पंचायत नेटवर्क सी.जी.पंच की बैठक आयोजित की गई। बैठक में कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल, छत्तीसगढ़ यूनिसेफ चीफ जॉब जकारिया, डां. गजेंद्र, सीजी पंच आई.टी कोऑर्डिनेटर जितेंद्र विन्दु, सरगुजा कोऑर्डिनेटर बिंदिया खलखो, श्री प्रेम प्रकाश, श्री विनय, श्री अनिल बघेल और विभिन्न ग्राम पंचायत के सरपंचगण उपस्थित थे।
बैठक में महिलाओं तथा बच्चों के हित में किए गए कार्याे शत प्रतिशत, आंगनबाड़ी तथा स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति, एनीमिया, कुपोषण से बाहर निकालने के उपाय सहित अन्य विषयों पर चर्चा की गई।
कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल ने सरपंचों को बच्चों और महिलाओं के पोषण पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा। साथ ही बीच-बीच में आयरन की गोली, जरूरी स्वास्थ्य सेवा भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सरपंचों को नियमित अपने क्षेत्रों का निरीक्षण करके बच्चों और गर्भवती महिलाओं को मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी लेने के लिए कहा है।
यूनिसेफ चीफ जॉब जकारिया द्वारा सरपंचों से बच्चों के टीकाकरण में विशेष ध्यान देने के लिए अनुरोध किया गया। उन्होंने टीकाकरण के लिए अधिक से अधिक बच्चों को उपस्थित रखने के लिए कहा। आंगनबाड़ी और स्कूलों का समय-समय पर निरीक्षण कर बच्चों और महिलाओं के समस्याओं से रूबरू होने की बात कही। साथ ही उनके समस्याओं के निराकरण के लिए स्थानीय स्तर पर पहल कर आवश्यक कार्यवाही करने के लिए कहा गया।
आईटी कोऑर्डिनेटर जितेंद्र विन्दु ने सी.जी पंच के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि सी.जी पंच का गठन सरपंचों के व्यक्तित्व का विकास करने के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि सीजी पंच का उद्देश्य महिलाओं एवं बच्चों के हित में ग्राम पंचायत काम करें। इस हेतु सरपंचों को प्रोत्साहित किया गया। बैठक में सरपंचों ने भी अपनी-अपनी राय रखी। सरपंचों ने आंगनबाड़ी की मरम्मत और पोषण वाटिका लगाने सहित अन्य कार्य के लिए अपने सुझाव दिए।
डॉक्टर गजेंद्र ने हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं को एएनएम से लगातार संपर्क में रहने समझाइश दी तथा संस्थागत प्रसव के लिए प्रेरित किया उन्होंने सिकलसेल की पहचान के लिए परिवार की अध्यक्ष सदस्य की ब्लड टेस्ट कराने कहा जिससे सिकल सेल के लक्षण कि पता चल सके।