सड़क दुर्घटना में बुजुर्ग की पसली हो गई थी चकनाचूर, टाइटेनियम प्लेट की नयी पसली बनाकर बचाई जान

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यह सफल आपरेशन डाॅ.भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय के हार्ट चेस्ट और वैस्कुलर सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ.कृष्णकांत साहू एवं टीम द्वारा किया गया

दुर्घटना के बाद मरीज को वेन्टीलेटर पर रखना पड़ा क्योंकि पसली के चकनाचूर हो जाने से मरीज ठीक से सांस नही ले पा रहा था एवं ऑक्सीजन सैचुरेशन 70 से कम हो गया था

ऑपरेशन के एक दिन बाद मरीज को वेन्टीलेटर की आवश्यकता नहीं पड़ी

टाइटेनियम रिब प्लेटिंग  (Titanium Rib Plating)  एक जटिल ऑपरेशन है, ऐसा ऑपरेशन गिने चुने संस्थानों में ही किया जाता है

आज यह मरीज स्वस्थ्य होकर डिस्चार्ज होने के लिए तैयार है

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

आज से 08 दिन पहले 63 वर्षीय बुजुर्ग जो राजिम के रहने वाले हैं एवं पेशे से शिक्षक हैं,  स्कूल से घर आते समय दुर्घटना का शिकार हो गए। सिर एवं छाती में गहरी चोटें आयी थी एवं कुछ समय के लिये बेहोश रहे। उनको दुर्घटना के बाद तुंरत गरियाबंद अस्पताल ले गए। जहां पर प्राथमिक उपचार के बाद डीकेएस अस्पताल में शिफ्ट किया गया परन्तु लगातार ऑक्सीजन सैचुरेशन गिरने के कारण मरीज को तुंरत एसीआई के हार्ट चेस्ट एवं वैस्कुलर सर्जरी विभाग में शिफ्ट कर दिया गया। हार्ट सर्जरी विभाग में शिफ्ट करते ही मरीज को वेंटीलेटर पर डालना पड़ गया क्योंकि पसली के चकनाचूर होने के कारण फ्लेल चेस्ट Flail Chest) बन गया था।

वेंटीलेटर के सपोर्ट के बाद भी मरीज का ऑक्सीजन सैचुरेशन ज्यादा अच्छा नहीं था। सर्जरी करने वाले डाॅ. कृष्णकांत साहू बताते हैं कि ऐसी स्थिति में मरीज को अत्यधिक हाई रिस्क में ऑपरेशन के लिए लेना पड़ा। डाॅ. कृष्णकांत साहू बताते हैं कि, मरीज की दायें छाती की 7 से ज्यादा पसलियाँ जगह-जगह पर टूट गई थीं, जिससे कारण फ्लैल चेस्ट बन गया था एवं फेफड़े में गहरी चोट आयी थी। ऐसे मरीज के छाती में टाइटेनियम की कृत्रिम पसली बनाकर छाती को नया आकार दिया जाता है एवं इसमें 05 लम्बी टाइटेनियम की प्लेट का उपयोग किया गया। साथ ही साथ फेफड़े में आई चोट को भी रिपेंयर किया गया। यह बहुत की जटिल और हाई रिस्क आपरेशन होता है एवं बहुत गिने चुने संस्थानों में किया जाता है। इस आॅपरेशन में 04 यूनिट ब्लड लगा। मरीज की बेटी डीकेएस अस्पताल में नर्सिंग स्टाॅफ है एवं यहां के स्टाॅफ एवं डाॅक्टरों के सेवाभाव और दक्षता से काफी खुश है।

ऑपरेशन में शामिल टीम

डाॅ. कृष्णकांत साहू (विभागाध्यक्ष), डाॅ. निशांत सिंह चंदेल, डाॅ. अजित (पी.जी.) डाॅ.संजय त्रिपाठी (जेआर)

एनेस्थेटिस्ट – डाॅ. मनिन्दर कौर (पी.जी.)

टेेक्नीशियन – भूपेन्द्र कुमार, हरीशचन्द्र,

नर्सिंग स्टाॅफ – राजेन्द्र, नरेन्द्र, चोवाराम, मुनेश, किरण, प्रियंका, कुसुम,तेजेन्द्र,

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