रेडी टू ईट कार्य सामुहिक आजीविका का बना स्त्रोत : बागबहार में शिव महिला स्व सहायता समूह की दस महिलाएं कार्य से जुड़ी

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समूह द्वारा रेडी टू ईट का आंगनबाड़ी केंद्र तरेकेला, गोढ़ी, रेडे, पेमला और जमरगी में किया जाता है बिक्री

समूह के प्रत्येक सदस्यों की मासिक आय में हो रही है वृद्धि

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

छत्तीसगढ़ शासन द्वारा गौठानों को स्वावलंबी बनाने के लिए सार्थक प्रयास किया जा रहा है और स्व सहायता समूह की महिलाओं को प्रशिक्षण देकर रोजगार से जोड़ा जा रहा है। गौठानों में मुर्गी पालन, बकरी पालन, मशरूम उत्पादन, बांस की टोकरी निर्माण, बटेर पालन, बाड़ी विकास, साग सब्जी का उत्पादन, राईस मिल, पोल निर्माण, सरसो तेल, हेचरी पालन, रेडी टू ईट संचालन, सेनेटरी पेड निर्माण, मशरूम उत्पादन सहित अन्य गतिविधियों में शामिल करके समूह की महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। जिला पंचायत के एनआर.एल.एम. बिहान द्वारा भी स्व सहायता समूह के महिलाओं को सशक्त बानने के उद्देश्य से आर्थिक गतिविधियों में जोड़ने का कार्य निरंतर किया जा रहा है। ताकि महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सके। जिले के विभिन्न विभागों द्वारा भी रीपा के तहत् परिवारों और समूह की महिलाओं को विभाग की योजना से लाभान्वित कर अतिरिक्त आदमनी अर्जित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

इसी कड़ी में पत्थलगांव विकासखण्ड के बागबहार में शिव महिला स्व सहायता समूह के लिए रेडी टू ईट कार्य सामुहिक आजीविका का स्त्रोत बना है। जनपद पंचायत पत्थलगांव में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान योजना पिछले 3 वर्षों से चल रही है। बागबहार ग्राम पंचायत जनपद पंचायत से 35 किलोमीटर दूरी पर स्थित है, इस ग्राम पंचायत में कुल 33 समूह है जहॉ 2 ग्राम संगठन बने हैं इनमें शिव महिला स्व सहायता समूह एक संगठित समूह है इस समूह में सभी सदस्य आपस में मिलजुल कर एक साथ काम कर रहे हैं। समूह को बैंक से 5 लाख रूपये लोन लेकर पूंजी लगाकर आजीविका गतिविधि के रूप में अपनी आर्थिक स्थिति को सुधार करने की ओर अग्रसर हैं।

बिहान योजना के तहत पूंजी के रूप में आर्थिक मदद बैंक लिंकेज के द्वारा ऋण प्राप्त होने से समूह को पूंजी मिल जाता है जिससे हुए अपने काम को आगे बढ़ा पा रहे हैं।  शिव महिला स्व सहायता समूह के द्वारा इसका बिक्री आंगनबाड़ी केंद्र के 5 गांव बागबहार – तरेकेला, गोढ़ी, रेडे, पेमला, जमरगी बी ग्राम पंचायत में किया जाता है जिसमें उस समूह के प्रत्येक सदस्य का मासिक आय तीन हजार होता है और समूह प्रगति की ओर अग्रसर है।

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