परियोजना अधिकारियों एवं पर्यवेक्षको की समीक्षा बैठक सम्पन्न, विभिन्न योजनाओं की हुई समीक्षा

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समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, अम्बिकापुर

जिला कार्यालय महिला एवं बाल विकास विभाग के सभाकक्ष में बुधवार को जिले के समस्त परियोजना अधिकारियों एवं पर्यवेक्षको की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री जे.आर.प्रधान,जिला महिला बाल विकास अधिकारी श्री शुभम बंसल,एनएचएम के जिला कार्यक्रम प्रबंधक  श्री पुषपेंन्द्र राम,युनिसेफ जिला समन्वयक श्रीमती ममता चैहान  सहित समस्त परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षक उपस्थ्ति थे।

बैठक में  जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री प्रधान द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा प्रतिदिन पोषण ट्रेकर एप में आंगनबाड़ी केन्द्र खुलने,हितग्राहियो की उपस्थिति,बच्चों के वजन एंट्री की समीक्षा की गई है। बैठक में बताया गया कि पोषण ट्रेकर एप में माह नवम्बर 2023 में जिले में संचालित कुल 2470 आगनबाड़ी केन्द्र में 5 वर्ष के कुल 87,987 बच्चों के वजन की एंट्री की गई। वजन अनुसार कुल 12.41 प्रतिशत बच्चे कुपोषण की श्रेणी में पाए गये। वजन त्योहार माह सितंबर 2023 में कुल 14.81 प्रतिशत बच्चे कुपोषण की श्रेणी में पाए गए थे, इस प्रकार 02 माह में कुल 2.4 प्रतिशत कुपोषण में कमी दर्ज की गई है।  प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना अंतर्गत राज्य में 25 नवम्बर 2023 से 10 दिसम्बर 2023 तक विशेष अभियान चलाकर पात्र हितग्राहियों के प्रथम संतान व द्वितिय बालिका संतान के शत-प्रतिशत फार्म भरकर साफ्टवेयर में दर्ज  किया जाना है, योजनांतर्गत पात्र हितग्राहियों की कुल 298 फार्म का एंट्री की गई है। जिला कार्यक्रम अधिकारी योजना में प्रगति लाते हुए पात्र सर्वेक्षित शत- प्रतिशत हितग्राहियों का फार्म भरकर योजना का लाभ दिलाने कहा गया। इसके साथ ही  समस्त संचालित योजनाओं में शत् प्रतिशत प्रगति लाने के लिए निर्देशित किया गया।

बैठक में उपस्थित एनएचएम के जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री पुष्पेंन्द्र राम ने बताया कि जिले में संचालित पोषण पुर्नवास केन्द्र अम्बिकापुर एवं सीतापुर में गंभीर कुपोषित बच्चों को भर्ती कराने में स्वास्थ विभाग का  पूर्ण सहयोग प्राप्त है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना अंतर्गत जिले में लिंगानुपात में सुधार लाने हेतु चलाई जा रही योजना का क्रियान्वयन, दोपहिया वाहन रैली तथा आंगनबाड़ी केन्द्र में लगे गुड्डा-गुड़िया बोर्ड में प्रति माह उस आंगनबाड़ी क्षेत्रांतर्गत जन्म लिए बालक-बालिकाओं की संख्या भरने निर्देश दिए गए।

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