शुरू हुई 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी : जशपुर जिले के 45 हजार से अधिक किसानों को मिलेगा आर्थिक लाभ
December 22, 2023माटीपुत्र विष्णुदेव साय के निर्णय से किसानो में हर्ष
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पूरा किया मोदी गारंटी का एक और वायदा
समदर्शी न्यूज़, जशपुर : प्रदेश सरकार के आदेश के बाद जिले में किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी शुरू कर दी गई है। विधानसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी द्वारा दी गई मोदी की गारंटी की सूची में यह भी शामिल था।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर शुरू हुई धान खरीदी से किसानों के चेहरे में प्रसन्नता दिखाई दे रही है। शहर के समीपस्थ गम्हरिया धान उपार्जन केन्द्र के संचालक राजेश साहू ने बताया कि रायपुर से धान खरीदी प्रक्रिया में इस्तेमाल किया जाने वाले साफ्टवेयर को अपडेट कर दिया गया है। उन्होनें बताया कि 21 दिसंबर से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी के लिए टोकन जारी करने का सिलसिला शुरू हो गया है। पहले ही दिन 8 किसानों को टोकन जारी किया गया है।
21 क्विंटल प्रति एकड़ धान बेचने के लिए टोकन प्राप्त करने वालों में जामटोली कि किसान ललिता बाई, राईपाठ की बसंती बाई, पोड़ी के निर्मल कुमार, जशपुर के श्याम किशोर तिवारी, पुरनानगर के तिलकधारी, जशपुर कि जतरी भगत, जुरगुम के विजय बिहारी और जुरतेला के संतोष सिंह शामिल हैं। किसान विजय बिहारी ने धान खरीदी की मात्रा बढ़ाने के लिए विष्णुदेव सरकार के निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि इससे किसानों को अधिक आर्थिक लाभ हो सकेगा। ललिता बाई ने कहा कि सरकार के इस निर्णय से वे अधिक धान बेच कर अपने परिवार का अच्छे तरीके से लालन पालन कर सकेगी।
अब तक 3 लाख 75 हजार 664 धान खरीदी –
21 दिसंबर तक जिले में 3 लाख 75 हजार 664 क्विंटल धान की खरीदी की गई है। सबसे अधिक 36 हजार 207 क्विंटल किलकिला में, इसके साथ ही 23 हजार 700 क्विंटल धान काडरो में, पत्थलगांव में 21 हजार 78 क्विंटल, घरजियाबथान में 15 हजार 591 क्विंटल, कोनपारा में 20 हजार 986 क्विंटल किया गया है। चालू विपणन वर्ष में जिले को 23 लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य दिया गया है।
धान बेच चुके किसानों को भी मिलेगा अवसर –
खाद्य,नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव टोपेश्वर वर्मा द्वारा जारी किये गए आदेश में स्पष्ट किया गया है कि धान खरीदी की सीमा बढ़ाए जाने से पहले जो किसान धान बेच चुके हैं, अगर वे अपने पंजीकृत रकबे के अनुसार शेष धान बेचना चाहते हैं तो बेच सकते हैं।