जशपुर : प्रधानमंत्री जनमन योजना से पहाड़ी कोरवाओं का जीवन स्तर हुआ बेहतर, आंगनबाड़ी केंद्र के माध्यम से पहाड़ी कोरवा समुदाय को मिल रही बेहतर सुविधाएं

जशपुर : प्रधानमंत्री जनमन योजना से पहाड़ी कोरवाओं का जीवन स्तर हुआ बेहतर, आंगनबाड़ी केंद्र के माध्यम से पहाड़ी कोरवा समुदाय को मिल रही बेहतर सुविधाएं

September 2, 2024 Off By Samdarshi News

ग्राम पंचायत पण्ड्रापाठ के बरपाठ-02 में नवीन आंगबाडी केन्द्र का हो रहा है संचालन

टीकाकरण, रेडी टू ईट, गरम भोजन के साथ बच्चों को दी जा रही है अनौपचारिक शिक्षा

समदर्शी न्यू जशपुर, 02 सितंबर/ प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग के लोगों को शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का सीधा लाभ मिल रहा है। इस योजना ने पीवीटीजी (विशेष पिछड़ी जनजाति) परिवारों के लिए सामाजिक और आर्थिक उत्थान का एक नया मार्ग प्रशस्त किया है। जशपुर जिलें में भी इस योजना का तहत विषेश पिछड़ी जनजाति समुदाय को शासन की योजनाओं का लाभ दिलाने प्रशासन अथक प्रयास कर रहा है। 

जशपुर जिले के प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान कार्यक्रम के तहत् पहाड़ी कोरवा समुदाय में जागरूकता लाने के उद्देश्य से विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा बाहुल्य क्षेत्र तहसील सन्ना के ग्राम पंचायत पण्ड्रापाठ के बरपाठ-02 में नवीन आंगबाडी केन्द्र जनवरी 2024 से संचालित किया जा रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती उदियाचली यादव आंगनबाड़ी केन्द्र बरपाठ-01 के द्वारा इस आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन किया जा रहा है। इस आंगनबाड़ी केंद्र के माध्यम से 06 शिशुवती माताओं को गर्म भोजन के साथ ही 28 पहाड़ी कोरवा बच्चों के विकास के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। पी.एम. जनमन योजना अंतर्गत आंगनबाड़ी केन्द्र के संचालन का मुख्य उद्देश्य समुदाय में जागरूकता लाना, महिला एवं बाल विकास विभाग के विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित करना कुपोषण की दर में कमी लाना, संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देना, मातृ मृत्यु दर शिशु दर में कमी लाना है।

पी.एम. जनमन योजना अंतर्गत संचालित नवीन आंगनबाड़ी केन्द्र बरपाठ-02 से पूर्व बसाहट के हितग्राहियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा था। वर्तमान में पहाड़ी कोरवा बसाहट क्षेत्र के समस्त 0-6 वर्ष के बच्चे गर्भवती एवं शिशुवती को टीकाकरण, रेडी टू ईट एवं गरम भोजन से साथ ही 3-6 वर्ष के बच्चों को अनौपचारिक शिक्षा देकर लाभान्वित किया जा रहा है। आंगनबाडी केन्द्र का संचालन होने से पहाड़ी कोरवा समुदाय से सम्पर्क काफी बढ़ गया है। जिससे हितग्राही काफी खुश है।